🍁गुरू ज्ञान है, गुरु ब्रह्म
गुरू दोषों का परिहार
गुरू शरण में जाकर ही
होगा जीवन का उद्धार ।
🍁अज्ञान के घने अंधियारे में
गुरू भरते ज्ञानमय उजास
अंतर्ज्ञान की ज्योति जला
वे जगाते मन में विश्वास।
🍁गुरू सिखाते जीतने की कला
वहीं हार से न डरने का मंत्र
हर उलझन का कर समाधान,
बंधनों से मन को करते स्वतंत्र।
🍁शिष्य है निरा ढेला मिट्टी का
गुरू गढ़ते जिससे सुंदरआकृति
जैसे कांच का सस्ता सा टुकड़ा
तराशकर बनता अनमोल कृति।
🍁गुरू के बिना मिलता न ज्ञान
ईश्वर से बड़ा है गुरू का मान
गुरू की आज्ञा करें शिरोधार्य
दें उन्हें उनका उचित सम्मान।
Kruti✍️❤️
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देती है,प्रकृति हमें कितना कुछ
हम भी तो उसे थोड़ा देना सीखें
ग़र लौटा न पाएं बदले में कुछ तो,
जो है बस उसी को तो सँजोना सीखे।
विश्व पर्यावरण दिवस् की शुभकामनाएं🌿☘️🌱🙏
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प्रेम में,प्राण में
ध्यान में तुम,
डूबती सांझ,घनेरी रात
और उगते विहान में तुम।
हर रंग में,हर रुप में,
कण-कण में बसे स्वरूप में तुम।
तुम आदि में,तुम अनन्त में
तुम उत्थान, संहार में तुम।
तुम मिलन में ,तुम बिछोह में
प्राणियों के उद्धार में तुम।
चेतना में,अनुभूति में
निश्छल भावों की अभिव्यक्ति में तुम,
तुम पीड़ा में,तुम भक्ति में,
नश्वर देह की मुक्ति में तुम।-
पथरीले रास्तों का सफ़ऱ भी सरल लगता हैं।
हर मुसीबत का दिखता कोई हल लगता है।
जब माँ की दुआएँ होती है,साथ तो
सँघर्ष का सूखा मरूथल भी तरल लगता है।-
नव दीप, नव ज्योति, नव उत्थान रहे,
परस्पर प्रेम, विश्वास और सम्मान रहे
नव ऊर्जा से स्वागत करें नव वर्ष का,
नव चेतना से आलोकित हर विहान रहे।
हिन्दू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं🙏🚩🙏-
वो लाल रंग खून का
हजारों गुलाबों से ज्यादा कीमती था,
जो बह गया सड़क पर,
मिटा कर कई जानें देश की ख़ातिर,
कुछ कुलदीपक बुझ गए
अपने घरों के,
कई जिन्दगियां वीरान कर गए
जो छूट गई थी पीछे
वो चिथड़े बदन जब लौटे तिरंगे में लिपट कर अपने घर
हर आँख नम थी,और थी प्रतिशोध की ज्वाला भी
वतन के लिए,जो मर मिटे
था उनका सर्वोच्च ये बलिदान
जिसका असम्भव है कोई प्रतिदान।
पुलवामा के अमर शहीदों को शत-शत नमन🙏🇮🇳🙏-
सदियों का छाया अंधकार हटा
मिला नव सूरज ओ' नवतंत्र
निज धरा पर पर हुए स्वतंत्र
जब बना अपना देश गणतंत्र।
सहिष्णुता और सर्वधर्म सद्भाव,
जन गण मन अधिनायक का भाव
अनेकता में एकता का सूत्र हमारा
देते सबको आदर सबको समभाव।
उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम तक
जाने कितनी बोली कितने राग
हर रूप में खिलती,हर रंग में सजती
सुदृढ़ संस्कृति हमारी सबसे खास।
आसमान से लेकर धरा तक हमने
लहराया हर ओर परचम अपना
विक्रांत,तेजस,ब्रह्मोस गर्व हमारा
सीमाओं पे चौकस हर प्रहरी अपना।
दृढ़प्रतिज्ञ हम तिरंगा न झुकने देंगे
हर दुश्मन को हम प्रतुयत्तर देंगे
न देंगे एक इंच भी जमीं अपनी
जो घुसा सीमा में जबरन, उसे खदेड़ेगें।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🙏🇮🇳🙏
Kruti✍️❤️
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मन्नतों के धागे बाँध माँगे जाते हैं बेटे
और दुआ बन कर आ जाती हैं बेटियाँ।
वंश वृक्ष की डालियों पे सजते हैं बेटे
और जड़ों में सींची जाती हैं बेटियाँ।
स्वर्ग के द्वार की चाभी लगते हैं बेटे
और धरती को स्वर्ग बनाती हैं बेटियाँ।
माता-पिता की खुशियों का हिस्सा बनते हैं बेटे
और गम के अंधेरों में आँसू पोछती है बेटियाँ।
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं🙏💐
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उतरायण पर्व ये खास रहे
सब अपनों का भी साथ रहें
तिल-गुड़ की मिठास से जुड़े रहें
हर घर में खुशियों का वास रहें।
मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐🙏
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