kalpesh shah   (Kalpesh Shah)
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I'm not writer but just write everything
What I can feel
Joined 20 April 2019


I'm not writer but just write everything
What I can feel
Joined 20 April 2019
15 MAY AT 22:20

बस आँखे खुली की खुली, रह गई रात भर ।

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11 MAY AT 22:10

यहां चलते रहना ही पड़ेगा ।
अपनी नींद को छोड़ आगे बढ़ना ही पड़ेगा ।

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10 MAY AT 22:16

ना जाने कितनी ठोकरे लिखी है ।

हम भी चल पड़े है, खुद को आजमाने के लिए ।

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10 MAY AT 22:13

ना अल्फाज़ मिल रहे, लिखने के लिए ।
ना मन शांत हो रहा,सोचने के लिए ।

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9 MAY AT 22:25

विचारांच्या पलीकडे

खूप काही लपलेले आहे ,जे दिसण्यापलिकडे

बस चांगले कर्म ठेवावे लागतील आपल्याकडे

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9 MAY AT 22:19

आशाओं की किरणों का मोल ।
नई उम्मीद से आगे बढ़ते हौसलों का जोश ।

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9 MAY AT 22:17

पूरी जिंदगी गवां दी , जिन के वास्ते ।
उन्होंने छोड़ दिया , हमें बीच रास्ते ।

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9 MAY AT 22:15

मे हजारों यादों का गुलदस्ता बना हुआ है ।

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9 MAY AT 22:12

मेहनत और सपनों का संगम है ।

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6 MAY AT 22:30

बस अपनी रफ्तार नही छोड़ती।

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