बस आँखे खुली की खुली, रह गई रात भर । -
बस आँखे खुली की खुली, रह गई रात भर ।
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यहां चलते रहना ही पड़ेगा ।अपनी नींद को छोड़ आगे बढ़ना ही पड़ेगा । -
यहां चलते रहना ही पड़ेगा ।अपनी नींद को छोड़ आगे बढ़ना ही पड़ेगा ।
ना जाने कितनी ठोकरे लिखी है ।हम भी चल पड़े है, खुद को आजमाने के लिए । -
ना जाने कितनी ठोकरे लिखी है ।हम भी चल पड़े है, खुद को आजमाने के लिए ।
ना अल्फाज़ मिल रहे, लिखने के लिए ।ना मन शांत हो रहा,सोचने के लिए । -
ना अल्फाज़ मिल रहे, लिखने के लिए ।ना मन शांत हो रहा,सोचने के लिए ।
विचारांच्या पलीकडेखूप काही लपलेले आहे ,जे दिसण्यापलिकडे बस चांगले कर्म ठेवावे लागतील आपल्याकडे -
विचारांच्या पलीकडेखूप काही लपलेले आहे ,जे दिसण्यापलिकडे बस चांगले कर्म ठेवावे लागतील आपल्याकडे
आशाओं की किरणों का मोल ।नई उम्मीद से आगे बढ़ते हौसलों का जोश । -
आशाओं की किरणों का मोल ।नई उम्मीद से आगे बढ़ते हौसलों का जोश ।
पूरी जिंदगी गवां दी , जिन के वास्ते ।उन्होंने छोड़ दिया , हमें बीच रास्ते । -
पूरी जिंदगी गवां दी , जिन के वास्ते ।उन्होंने छोड़ दिया , हमें बीच रास्ते ।
मे हजारों यादों का गुलदस्ता बना हुआ है । -
मे हजारों यादों का गुलदस्ता बना हुआ है ।
मेहनत और सपनों का संगम है । -
मेहनत और सपनों का संगम है ।
बस अपनी रफ्तार नही छोड़ती। -
बस अपनी रफ्तार नही छोड़ती।