Kalpana Singh  
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Govt teacher (biology)Rewa(M.P.)
Joined 3 May 2019


Govt teacher (biology)Rewa(M.P.)
Joined 3 May 2019
12 JAN AT 13:55

अश्क जब बह निकले,सब्र का बांध तोड़कर,
कायनात मानो रो पड़ी,इस मंजर को देखकर।
किससे कहें हाल ए दिल का समझ नहीं आता,
वक्त और हालात के जुल्म ओ सितम देखकर।

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2 JAN AT 19:01

जीवन फूलों सा खिल जाए,
हर पल मुस्कान अधरों पर आए,
जो भी चाहो तुम सब मिल जाए,
जन्मदिवस की है बस इतनी दुआएं।

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2 JAN AT 18:33

मान सम्मान बढ़े दिन रात,
खुशियों की छाई रहे बहार।
नित नई ऊंचाइयां करो तुम हासिल,
ईश्वर की हो कृपा अपार।।
जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं लल्ला❤️❤️❤️
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

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16 DEC 2023 AT 11:23

रात के शहर में भटकते हैं,
हैरान,परेशान से सितारे।
बेतरतीब,बदहवास से दौड़ते,
अपने रहनुमा,चांद की तलाश में।
स्याह अंधेरे ने जिसे निगल लिया है,
यूं ही बिना किसी गुनाह के,,,।
अपनी बेगुनाही साबित कर सकेगा,
क्या आज़ाद हो सकेगा कालिमा से?
रात का यह शहर क्या कभी मिला सकेगा,
सितारों को गुमशुदा चांद से??

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12 DEC 2023 AT 10:14

रात की तकदीर में फकत तन्हाई है,
समा गमज़दा है,ख़ामोशी सी छाई है।
सितारों की महफिल सजी है मगर,
चांद के मुखड़े पर दर्द की परछाई है।

रात जब भी मेरे आंगन में उतरती है,
ख़ामोश नजरों से दर्द बयां करती है।
तड़पकर दिल से ये दुआ निकलती है,
तन्हाई दूर हो उसकी भी सदा कहती है।




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11 DEC 2023 AT 9:40

सर्द रातों में ठिठुरते अरमान,
नर्म बिस्तर पर सिकुड़ते एहसास,
गर्म सांसों से पिघलते जज़्बात,
बेकाबू से अब लगते हैं हालात,
कैसे कहूं ? कैसे गुजर रही हैं,,,,
बिन तुम्हारे ये सर्दियां।।

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2 DEC 2023 AT 13:22

राहें कितनी भी मुश्किल हो,
स्वप्न हकीकत बनते हैं।
बाधाओं से न हो गर पराजित,
मंजिल आख़िर मिल जाती है।
थोड़ी मेहनत लगती है......।

डर कर जो बैठे साहिल पर,
मोती कहां फिर मिलते हैं?
भाग्य भरोसे कुछ नहीं मिलता,
जीवन ऐसे ही नहीं संवरता।
थोड़ी मेहनत लगती है......।

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30 NOV 2023 AT 18:33

जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं जी❤️❤️❤️
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
साकार हो गए स्वप्न सुनहरे,
महका जीवन उपवन सा।
अधरों पर मुस्कान सज गई,
एक तुम्हारे आने से।।
बिंदी, चूड़ी, कंगन, झुमके,
सौभाग्य प्रतीक अब मेरे हैं।
हाथों में मेहंदी अब सजती,
एक तुम्हारे आने से।।
बंध जुड़ा है जब से तुमसे,
सकल मनोरथ सिद्ध हुए।
नीरस जीवन सरस हो गया,
एक तुम्हारे आने से।।
सूने मन के आंगन में अब,
खुशियों का मेला लगता है।
भाग्योदय हुआ जैसे मेरा,
एक तुम्हारे आने से।।

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27 SEP 2023 AT 22:54

दिल ही दिल में चाहत जवां होती रही,
लब्ज़ लबों पर आने से पहले,
इज़हार निगाहें करने लगीं।
बिन कहे सब कुछ सुना,
दिल की जो आवाज़ थी
अब भला बोलो कहें क्या?
जब दिल से दिल को राहत हुई।

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27 SEP 2023 AT 21:08

नेह का दीपक जलाकर, मैं चिरंतर प्रतीक्षारत रहूंगी,
बिन तुम्हारे यह जीवन अधूरा,बस यही तुमसे कहूंगी।
कट गए जाने बरस कितने,मायूसी और तन्हाइयों में,
छोड़कर एक पल के लिए भी, मैं तुम्हें जाने न दूंगी।

अमावस की हो रात काली या दिन लिए हों प्रभाती,
मन की वीणा झंकृत हो, नाम तुम्हारा ही बुलाती।
रातरानी की महक हो या फिर हो सुगंध मोगरे की,
सांसों की रवानी में बसती है सिर्फ खुशबू तुम्हारी।

कामना है महज इतनी, प्राण जब इस तन से निकले,
अपनी बांहों में तुम लेकर, मांग फिर से मेरी भरना।
हर इक जनम में साथी मेरे,साथ तुम यूं ही निभाना,
जब भी आऊं मैं धरा पर,संग जीवन है बिताना।


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