Kalash Tripathi   (kalash❤️)
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Joined 27 May 2023


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Joined 27 May 2023
31 DEC 2024 AT 17:58

हर साल मैने कुछ सिखा है
हर साल मेरे लिए खास है,

पर ये जाता हुआ साल तो
मेरे लिए एक खुला राज़ है,

अब क्या ही खानदानी किसी से
मैं वो, जो खुद को पाने को बेताब है,

समाज से परे होकर सीखो
क्योंकि समाज तो बस बर्बाद है,

ये जाता हुआ साल बहुत खास था
मानो मेरे लिए एक रामबाण है,

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31 DEC 2024 AT 17:44

मोम से थे हम पत्थर बन गए
उदासी मानो मुकद्दर बन गए,

हर राह में मानो काटे बिछे है
क्योंकि अपने सरदर्द बन गए,


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8 DEC 2024 AT 16:55

हर पल में कुछ तो खास है
यू ही थोड़ी गुजर जाने पे लोग पछताते है!!!

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3 NOV 2024 AT 15:58

मुस्कुराने का मौका ढूंढो
रोने के लिए गाना नहीं,

तुम लोगों की नहीं खुदकी सुनो
क्योंकि तुम्हारा दर्द सिर्फ तुम समझते हो
जमाना नहीं,

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3 NOV 2024 AT 15:28

कितनी बात है एक बात में
कुछ राज़ है एक बात में,

कहने को तो लफ्ज़ ही है बस
पर मानो मौत है उस बात में,

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30 OCT 2024 AT 20:01

जिस दिन से खुशियां हाथ में होंगी
वो हर दिन मेरी मानो दिवाली होगी,

जिस दिन मुझे मेरी दुनिया मिलेगी
वो हर दिन मानो फिर दिवाली होगी,

जिस दिन मुझे मेरी मदहोशी मिलेगी
वो हर दिन मानो एक दिवाली होगी,

जिस दिन से खुशियां आंगन होंगी
वो हर दिन मानो मेरी दिवाली होगी,

जिस दिन मेरे राम मुझपर कृपा करेंगे
वो हर दिन मानो सीताराम मिलन होगी,

अभी वो मज़ा कहा दिवाली मनाने में
जिस दिन मुझे मेरी मंजिल मिलेगी
फिर मेरे दिल से दिलवाली दिवाली होगी,
–kalash❤️

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29 OCT 2024 AT 10:15

दर्द को मिटाना चाहते हो तो
एक पल ज़रा सा मुस्कुराओ,

अगर जीने का मजा लेना है
तो कुछ खो और कुछ पाओ,

औकात देखनी है खुदकी तो
कभी ज़रा खुदको आजमाओ,

रिश्तों के बंधन से निकल कर
खुदके साथ एक पल बिताओ,

अगर चाहते हो हर मंजिल पाना
तो खुदको अपना प्यार बनाओ,

यहां कोई किसी का नहीं जनाब
तुम खुदको ये भरोसा दिलाओ,

–kalash❤️


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28 OCT 2024 AT 18:32

हर बात मज़ाक थोड़ी होती है
बदनाम करना छोटी बात थोड़ी होती है,

यार! दर्द ए दिल बताए किसको
जनाब दिल के पास आवाज़ थोड़ी होती है,

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15 OCT 2024 AT 20:29

मुस्कान के पीछे के दर्द को
अब गवाना चाहते है हम,

अपने सारे रिश्ते नाते को
अब भुलाना चाहते है हम,

यार हर एक मुस्कान को
अब जीना चाहते है हम,

अपनी सारी मंजिल को
अब पाना चाहते है हम,

लोगो का क्या वो गलत है
कलंक मिटाना चाहते है हम,

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7 OCT 2024 AT 22:24

बच्चे कितने सच्चे होते है
मन के कितने कच्चे होते है,

कुछ भी बोले , मन को भाए
नाराज ये ज्यादा देर तक न हो पाए,

न जाने मुझसे इतना कैसे घुल जाते है
न जाने कैसे मेरे इतना करीब हो जाते है,

दोस्ती मेरी इनसे बहुत जल्दी होती है
बच्चों से बिताए हुए पल दिल्लगी होती है,

रूठना मानना इनको दुलार करना
रिश्ता न रहे फिर भी मेरा इनको प्यार करना,

गोद में उठा के यू ही प्यार से खिलाना
अच्छा लगता है मुझे, अपने साथ रखना,

–kalash❤️

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