Kalandu Kashyap   (KASHYAP)
748 Followers · 6 Following

read more
Joined 10 March 2018


read more
Joined 10 March 2018
21 FEB AT 21:36

जपते जपते नाम तुम्हारा दिन बीत जाया करता है
समझ लो दिल की बात लड़का आंख मिलाने से डरता है

-


21 FEB AT 21:05

काश इन चश्मों से झलकती आंखों में मेरा अक्श होता
इंतजार है तुम्हे जिसका काश कि मैं वो शक्श होता

-


21 FEB AT 20:26

पता है सारे सपने टूट गए
शायद मुझसे प्रेम के देव ही रूठ गए

न मिली भाभी की बहने
और न ही जीजू की सिस्टर
समझ सकते हो तुम
क्यों उदास बैठा है ये मिस्टर ??

-


21 FEB AT 20:23

मन की बातें अब न कर पाता हूं
देखूं तुम्हारी सूरत छुप कर पर सामने से घबराता हूं

-


21 FEB AT 20:17

मेरे चले आने से जो तुमने सब छोड दिया
बताओ क्यों खुद को तुमने ऐसे मोड़ दिया

फिर से तुम्हे तुमसा बनाने हम गोकुल को आएंगे
कृष्ण बनएंगे हम जब जब राधा तुम्हे बनाएंगे
राधा से सीखो विरह में जीना
दुख त्याग की थी उसकी सूरत कभी ना

कृष्ण था दूर भले पर दिल से उसके पास था
राधा के मन मे थे कृष्ण प्रेम पर विश्वास था
मन की रीत से ही बने थे वो मनमीत
प्यार की इस दुनिया मे होती हरदम नही जीत

बिछड़ कर भी क्या
राधा ने जीना छोड़ दिया
वृंदावन की बाला बताओ
फिर तुमने क्यों खुद को मोड़ लिया

क्यों यमुना की धारा सी
अब तुम कल कल नही बहती
बताओ बताओ भला क्यों तुम
दिल से अब कुछ नही कहती

भला क्यों तुम अब पंछियो की बोली भूल गयी
प्रकृति का श्रृंगार क्यों नही तुम खुद में घोल रही
क्यों नही अब तुम बारिश से बातें करती हो
बताओ क्यों तुम अब इन सब से उखड़ी उखड़ी रहती हो ?

-


17 NOV 2022 AT 7:27

उसके गुड मॉर्निंग की आदत हो गयी है
मुश्किल था पर अब उससे मोहब्बत हो गयी है

-


8 NOV 2022 AT 6:07

ज़िन्दगी के उलझनों में ही मेरा बसेरा हो गया
आज फिर सोचते सोचते ही देखो सवेरा हो गया

अपनी मनोव्यथा, मैं न किसी से बोल पाया
गांठ जो पड़ गयी है, मैं न वो खोल पाया
सुलझाने की आस में, मैं तो और उलझ गया
थक गया हूँ मैं अब, बदल बदल कर रास्ता नया

माथे पर सिकुडन फिर से आ बैठी है
न होता कभी अकेला चिंता संग मेरे लेटी है
आंखों के नीचे मानो काला घेरा बन बैठा है
और लोग कहते तू इतना खुश कैसे रहता है

अपनी मनोदशा को कैसे आयाम दूँ
कुछ ऐसा हो कि मैं खुद को सम्मान दूँ !!

-


6 AUG 2022 AT 14:25

लाइफ बुरी नही थी हमने बना दिया
खुद के सपनो में खुद ही आग लगा दिया

-


14 MAY 2022 AT 23:02

उनको हम याद भी नही आते
जिनको हम खुद से ज्यादा चाहते

उनको हम याद भी नही आते
जिनको याद करते करते हम सो जाते

उनको थोड़ा भी याद नही आते हम
जिनकी खैरियत मनाने में हम दिन बिताते

भला उनको कैसे हम याद नही आते
जिनके एक झलक को हम घंटो बिताते

-


14 MAY 2022 AT 22:57

उनको हम याद भी नही आते
जिनको याद किया बिना हम सो भी नही पाते

-


Fetching Kalandu Kashyap Quotes