Kala Nidhi   (निधि (Treasure))
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Joined 14 June 2020


Joined 14 June 2020
6 DEC 2022 AT 0:11

जीवन में एक कृष्ण होना आवश्यक हैं।
कृष्ण जो राधा के साथ प्रेम सिखाए।
कृष्ण जो रुक्मिणी से गृहस्थी निभाए।
गोपियों संग रासलीला रचाए।
सुदामा संग मित्रता निभाए।
जीवन पथ पर जब दु:शासन समक्ष हो
द्रोपदी की लाज बचाए।
जीवन की रणभूमि में अर्जुन के
सारथी जैसे गीतासार सुनाए।

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12 OCT 2022 AT 13:16

जीवन जीने के लिए ये समझना जरूरी है कि आप खुद में एक व्यक्तित्व हैं। आप खुद में एक पहचान हैं, भगवान ने कुछ भी बेकार नहीं बनाया।
किसान और सुनार दोनों की अलग जगह हैं। सोना पेट की अग्नि को शांत नहीं कर सकता, उसके लिए अन्न ही चाहिए।
जीवन में अगर कोई आपसे अलग है तो उसे कम ना आंके। हर कार्य के लिए किसी न किसी की आवश्यकता होती हैं।
कोई आपसे सामाजिक या किसी भी दृष्टि से कम है तो एक शिक्षक के रूप में ये सभी शिक्षकों की नैतिक ज़िम्मेदारी हैं कि आप हर व्यक्ति को उसके होने की महत्ता सिखाए और बताए।



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15 AUG 2022 AT 15:46

सुनो ना
ज़िंदगी के इस सफर में
हमेशा खिड़की वाली जगह देखना
जहां से दिखते हो खुले नजारे
पर्वत बादल आसमान में उड़ते पंछी
आती हो बारिश की बूंदें भिगाने
दिखती हो खेत खलिहानों की हरियाली
जहां से आती हो सूरज की पहली किरण
रात को पूनम के चांद की चांदनी
सुनो तुम इस सफर में
खिड़की वाली जगह चुनना

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3 AUG 2022 AT 16:00

बीते हुए कल की यादों
और आने वाले कल की चिंता में
कुछ इस कदर डूब जाते है
महसूस ही नहीं कर पाते कि
आज को कहीं खो रहे हैं।

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25 JUN 2022 AT 21:53

प्यारे बच्चों,
संभालकर रखें अपनी भावनाओं को
जीवन में स्थायी लोगों के लिए।
जो कदर करे आपके भावनाओं की।
अपनी भावनाओं को अस्थायी लोगों पर व्यर्थ न करें।

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5 JUN 2022 AT 12:45

बहुत धीमी आंच में पकाया जाना चाहिए
आंच तेज हो तो जल ही जाते हैं
क्या संबंध क्या पकवान।

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1 MAY 2022 AT 13:21

कच्चा घर देखकर किसी से रिश्ता मत तोड़िए।
तजुर्बा है बुजुर्गों का कि
मिट्टी की पकड़ अक्सर मजबूत होती हैं।
संगमरमर पर तो अक्सर पैर फिसला करते हैं।

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20 APR 2022 AT 2:45

गलती तेरी नही हैं ऐ ज़िंदगी
मैं ही हर बार तुझसे कुछ ज्यादा उम्मीदें लगा लेती हूं
तू तो दिखा रहीं होती हैं मुझे आईना
और मैं हर बार तुझे हंसकर गले लगा लेती हूं

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28 MAR 2022 AT 11:20

ये दिल बेवकूफियां करता हैं
समंदर के किनारे बैठकर,
रेत के महल बनाने बैठ जाता हैं।
समंदर की लहरें अक्सर आती हैं,
साथ ले जाती है रेत के महल।
दिल भूल जाता है रेत के महल,
टूटने के लिए ही बना करते हैं।

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28 MAR 2022 AT 10:21

ये दिल बेवकूफियां करता हैं
समंदर के किनारे बैठकर,
रेत के महल बनाने बैठ जाता हैं।
समंदर की लहरें अक्सर आती हैं,
साथ ले जाती है रेत के महल।
दिल भूल जाता है रेत के महल,
टूटने के लिए ही बना करते हैं।

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