जीवन जीने के लिए ये समझना जरूरी है कि आप खुद में एक व्यक्तित्व हैं। आप खुद में एक पहचान हैं, भगवान ने कुछ भी बेकार नहीं बनाया।
किसान और सुनार दोनों की अलग जगह हैं। सोना पेट की अग्नि को शांत नहीं कर सकता, उसके लिए अन्न ही चाहिए।
जीवन में अगर कोई आपसे अलग है तो उसे कम ना आंके। हर कार्य के लिए किसी न किसी की आवश्यकता होती हैं।
कोई आपसे सामाजिक या किसी भी दृष्टि से कम है तो एक शिक्षक के रूप में ये सभी शिक्षकों की नैतिक ज़िम्मेदारी हैं कि आप हर व्यक्ति को उसके होने की महत्ता सिखाए और बताए।
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