कुछ यादें याद रखना ,कुछ बाते याद रखना ।जिंदगी में हम तुम साथ हमेशा नही रहेंगे लेकिन हम कभी साथ थे यह बात ,जिंदगी भर याद रखना । -
कुछ यादें याद रखना ,कुछ बाते याद रखना ।जिंदगी में हम तुम साथ हमेशा नही रहेंगे लेकिन हम कभी साथ थे यह बात ,जिंदगी भर याद रखना ।
-
मिलना था इत्तेफाक,बिछड़ना नसीब था.....वो उतनी दूर हो गया ,जितना करीब था।।। -
मिलना था इत्तेफाक,बिछड़ना नसीब था.....वो उतनी दूर हो गया ,जितना करीब था।।।
अनुभव कहता है की .......किसी एक इंसान पर पूरा भरोसा करके देखिएआपको वही इंसान किसी पर भरोसा न करने का सबक सिखाएगा।।। -
अनुभव कहता है की .......किसी एक इंसान पर पूरा भरोसा करके देखिएआपको वही इंसान किसी पर भरोसा न करने का सबक सिखाएगा।।।
मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती, सिर्फ बढ़ती ही हैं।कभी सुकून बन कर, कभी दर्द बन कर।।।। -
मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती, सिर्फ बढ़ती ही हैं।कभी सुकून बन कर, कभी दर्द बन कर।।।।
मतलब की बाते सब समझ लेते है, लेकिन बात का मतलब बहुत कम ही लोग समझ पाते है। -
मतलब की बाते सब समझ लेते है, लेकिन बात का मतलब बहुत कम ही लोग समझ पाते है।
मोहब्बत नाम है किसका, शुरू कहाँ से होती है। किया किसने इसे पैदा, खत्म कहाँ पे होती है। मोहब्बत नाम है जुदाई का, शुरू आंखों से होती है।किया दिल ने इसे पैदा, खत्म सांसों पे होती है। -
मोहब्बत नाम है किसका, शुरू कहाँ से होती है। किया किसने इसे पैदा, खत्म कहाँ पे होती है। मोहब्बत नाम है जुदाई का, शुरू आंखों से होती है।किया दिल ने इसे पैदा, खत्म सांसों पे होती है।
हमने चाहते हुए भी किसी और को न समझकर बस उसको समझा,उसने न चाहते हुए भी हमारे अलावा हर किसी को समझा। -
हमने चाहते हुए भी किसी और को न समझकर बस उसको समझा,उसने न चाहते हुए भी हमारे अलावा हर किसी को समझा।
न आवाज़ हुई, न तमाशा हुआ, बड़ी ही खामोशी से टूट गया, जो भरोसा था खुद से भी ज्यादा और उम्मीद थी तुझ से भी ज़्यादा।लेकिन माना गलती हमारी ही थी,कौन सा तुमने आ कर बोला था भरोसा और उम्मीदे सजाने को। -
न आवाज़ हुई, न तमाशा हुआ, बड़ी ही खामोशी से टूट गया, जो भरोसा था खुद से भी ज्यादा और उम्मीद थी तुझ से भी ज़्यादा।लेकिन माना गलती हमारी ही थी,कौन सा तुमने आ कर बोला था भरोसा और उम्मीदे सजाने को।
Yeh Zindagi h janaabUljhenge nhi toSuljhenge kaise.. Bikharenge nhi toNikharenge kaise.... -
Yeh Zindagi h janaabUljhenge nhi toSuljhenge kaise.. Bikharenge nhi toNikharenge kaise....
खुदा जाने दोस्ती में क्या दस्तूर होता है,जिसे हम मानते है वही हमसे दूर होता है। -
खुदा जाने दोस्ती में क्या दस्तूर होता है,जिसे हम मानते है वही हमसे दूर होता है।