The cold essence of relations.
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Bemisaal ho tum ye usne kaha tha
Bezaar hun main ye khud jaana hai
उसकी अदाकारी को मैं इश्क समझ बैठी
हर शख्स को मिलता है जो मेरी ही तरह ।।-
सोदेबाज़ी सीख गई हूँ
इश्क में तेरे, मैं रातें गुजारना सीख गई हूँ ।-
मेरे वृक्ष जैसे परिवार की एक अहम शाखा आज सूख गई ।
शाखा जिसने हमेशा सबको जोड़े रखा, हर एक को अपनी छाया में बिठाया और इस तरह से सींचा कि जो फूल उस पे खिला वह सफल एक इनसान बना ।-
कौन कहता है उसे मुझसे महोब्बत नहीं हुई
वो मेरे करीब आया था, मेरे लिए ।-