कुछ बातें लब पर ही रह जाये तो अच्छा है, कुछ बातों का ना होना ही अच्छा है, कुछ बातों को खुद तक ही रखना अच्छा है, बस कुछ लोगों की बातें ही ना करना अच्छा है !
मोहब्बत की गलियों में, तुम्हें पाया था, खुद से बेवफा हो कर, तुम्हें अपनाया था, चाँद तारों की बातों में, तुम्हारे चेहरे को निहारा था, अपने आप में तुमको समाया था , पिछले हजारों जन्म से अब तक बस तुम में ही खुद को समाया था, मोहब्बत की गलियों में, तुम्हें पाया था।