कितने किस्से हैं , कितनी कहानियां हैं
हैरान हू सुनकर तो हैरान रहने दो
अपने तजुर्बे अपनी सीख को बताओं मुझे
लेकिन हैरान रहने दो !
हैरान रहने दो की चमत्कार होते हैं
असंभव भी कलयुग में सम्भव होते हैं
अच्छा होने और अच्छा दिखने में
फर्क़ होता हैं
इस बात से भी मुझे हैरान होने दो
हैरान होने दो की वक़्त बदलता हैं
अच्छा नहीं हैं तो अच्छा भी होता हैं
रहते हैं जो हर वक़्त करीब दिल के
उनको हैरानी से बातें बताने दो
आसू झलक जाए उनके सामने तो
इस बात से मुझे हैरान रहने दो
कलयुग हैं हैरान करता हैं हर पल में
लेकिन उन्हीं पलो में खुदको
ईश्वर के और करीब ले जाता हैं
इस बात से मुझे हैरान होने दो !
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कही ना वो बात जो कहने आए थे
खामोश रहे ना जाने क्यो
शायद दिल से दिल की बात थी
तभी जबान इतनी खामोश थी ....
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ना जाने कब ये रात थम जाएगी
ना जाने कितनी और राते
चाँद के इंतजार में डल जाएगी
सूकून तलाशती रूह ना जाने
कितनी राते खुली आँख में बिताएंगी
ना जाने कब
भारी गुजरती हर रात
सूकून से सो पाएंगीं
ना जाने कब
इंतजार की घड़ी खत्म हो पाएंगी...
ना जाने कब ..
सवाल बहुत है अभी
आशा अभी भी बाकी है
इंतजार है तो बस
उस रात का जब सूकून की नींद आनी है...
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ना कहो कुछ लिखकर सुना दे
ना कहो की स्याही से कागज़ को रंगा दे
सहम जाते है आजकल खुद ही डर से
जब कोरे कागज़ पर अल्फाज़ ठहर जाते है
शब्द सूकून नही देते इन दिनों हमारे
बस दिल को चीर जाते है ...-
मरता हर कोई है तुम जी कर बता देना
अनजाने सी राहों मे हमराही बना देना
ना पूछना खूबसूरती के दायरे मुझसे
मेरी सीरत से इश्क कर
इसे रूहानी बना देना
तुम जीकर बता देना....-
वो बोले नही जो बात
वो बात कुछ यू बोल गए
थमाना था गुलाब जनाब को
पापा को देख गमला
भी साथ में दे गए...😩❤😂-
कहा है कि बताना नहीं
महसूस हो बेशक पर जताना नहीं
आँखों को मिलाना कुछ इस तरह
कि चमक ना जाए निगाहें कही
महसूस यू तो हर पल करना
लेकिन खामोशी से
जल्दबाजी में दिल का हाल
बया बस कर आना नहीं
कहा है कि कुछ बताना नहीं
महसूस करना पर जताना नहीं...-
महबूब इतने खिलते है कि कमाल करते है
महबूब इतने खिलते है कि कमाल करते है
जब पसंदीदा रंग पहनकर निकलते है
तो आग लगाकर तूफान करते है..😂❤-
मुस्कान से दिल को मोह जाए
झलकती निगाह से दर्द बना कर जाए
समझाना मुश्किल बेशक है
समझना उतना ही आसान
रूप हजार है बेशक जिसके
लेकिन सभी रूपों में
प्यार बेशुमार ...
प्यार स्नेह बेशुमार है
ह्दय जिनका विशाल है
खामिया है बेशक मौजूद
लेकिन खुबसूरत हो तुम भरपूर
ना देना बढ़ावा
उन ख्यालों को जिनमें तुम खुद को
महसूस ना कर पाओ
चलना , आसमान पड़ा है आगे
खुदको अपने लिए उड़ना सिखाओ
जानती हो कैसा महसूस होता है
जब तंज कसे जाते है
तो दूसरों के लिए नहीं अपने लिए
खुद से हार ना जाओ ..
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मेहताब से मुलाकात
नहीं होती
ख्यालों में मौजूद
हमेशा रहता है
शायद इस वजह से
पेशानी
खाली नही
उसकी याद में सजा
रहता है..
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