मोहब्बत में बदहवास लोगों से कहना है कब तक गुजारी जाएगी
जौन, नुशरत को सुन लिया तो अब हमारी बारी आएगी
हम तुम्हें बताने आए है, दोबारा मत बुलाना मदहोशी में
एक को बुलाने जाओगे और वो सारी की सारी आएगी-
आईना भी ले आऊं तेरे सामने, तुझे खुद से नजर मिलानी चाहिए
मोहब्बत में कोई कितने हाथ फैलाए, अब तुझे भी शर्म आनी चाहिए-
वो महीनों का थका हारा, जब मेरे साने पे सर रखता है
मेरे कद के बराबर आकर, अपने होठ मेरे माथे पर रखता है
मैं सिर्फ निगाह मिलाकर ही आराम पाने वाला लड़का
हद से आगे नहीं जाऊंगा, वो दिल में क्यूं इतना डर रखता है-
ना हुस्न पर कोई शायरी हुई,ना इश्क़ का कोई चर्चा हुआ
सब मुंह ताक रहे हैं मेरा,यारों उसको देखे हुए भी तो अरसा हुआ-
सर-ए-राह छोड़ गया वो शख़्स हरदम जिसके हम कायल हुआ करते थे
कभी नाक की नथ कभी गले का हार कभी पैरों की पायल हुआ करते थे
इतनी रुसवाई पसर गई, कंठ रुदन में ढल गया, चेहरे पर काई सी छा गई
जंग से लौटे सिपाही से पूछा मैंने तुम ऐसे तो ना घायल हुआ करते थे-
उस वादा शिकन के वादे इतने झूठे थे कि अब सच भी बोलें तो सच्चे नहीं लगते
हम इसलिए भी मुस्कुराते रहते है केसरी कि उदास रहें तो अच्छे नहीं लगते-
सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनना, मूर्खता नहीं जिंदादिली होती है
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दस्तावेजों की क्या जरूर थी, मगर उसके वादों को मैंने लिख लिया था
कलम किताब जब जीत गई, जब वो शख़्स किसी हाथों बिक गया था
होगी उसकी मजबूरी वरना, इतना उसको खुद ख्याली नहीं देखा कभी
हजारों बातें, हजारों रातें थी मगर, आखिर में वो भी बहाने सीख गया था-
उसको पसंद था समंदर का मोती
मैं कूद गया उसके एक इशारे पर
मैं डूब गया उसके बगैर ही
वो चिल्लाता रहा सिर्फ किनारे पर-
तस्वीर अगर कोई संभाल कर रखेगा
वो क्यूं गए वक्त का मजा चखेगा
मांग लेगा तेरे से तेरे वक्त के साथ तस्वीर
तूं ही अगर चला गया तो क्या कर सकेगा-