कैलाश नवहाल   (कै. सु. न)
725 Followers · 7 Following

Ambitious
Lazy
Ascetic
Joined 27 June 2017


Ambitious
Lazy
Ascetic
Joined 27 June 2017

मद्धम तीव्र घाम हुई
तुम से भेंट की
कोशिशें तमाम हुई

-



प्रीत लगी जो प्रिये से, मिल अतल विश्राम
ज्यों तन तरु शीतल करे, तीव्र अति हो घाम

-



एक इंतजार लिए बैठे हैं
प्रियतम से आया तार लिए बैठे हैं

होगी बात कभी तो इत्मिनान से
मन में बस ये विचार लिए बैठे हैं

-



मेघों की कालिमा भर ली
तुमने अपने केशों में
सम्मोहन की अति तीव्रता
तुम्हारे नयनों के आदेशों में

श्वेत छवि ने उन्मत्त हो
लांघ दी सब सीमाएं
मुख की उज्जवलता समक्ष
हृस्व दिखती लक्ष दीपशिखाएँ

-



ये लाजवाब हुस्न
ये तिलस्मी नजरें
अथाह समुद्र में
उफनती जुल्फों की लहरें

खुद को संभाल लूँ
इतना फनकार नहीं
डूबना ही बेहतर है
जाना मुझ को पार नहीं

-



पीड़ा के फाग में
मैं स्वयं ही गला हूँ

विरह की आँच में
एकांत के काँच में
मैं स्वयं ही जला हूँ

कुछ पल के नखलिस्तान में
कृत्रिम से उद्यान में
मैं स्वयं ही पला हूँ

-



होली आई मोह की, इश्क़ का उड़े गुलाल
मन हिलोरे ले रहा, धड़कन की सुन ताल

-



इश्क़ के तोहफे में गुलाब दे रहा हूँ
जिंदगी भर के देखे ख्वाब दे रहा हूँ

-



बहुत कुछ बदला है
जीने का तरीका
अहसासों की आबो-हवा
दिल का माहौल
एक रूहानी अहसास हो तुम
या ये कहे बहुत खास हो तुम

-



शिखर की आस में
निस दिन टूटता हूँ
तमस की जंजीरों से
नित्य प्रतिदिन छूटता हूँ

-


Fetching कैलाश नवहाल Quotes