मुस्कुराने की वजह तुम बने, तुम्हे देख कर मेरी दुनिया चले, छोटी छोटी आँखों मे सपने बड़े, आओ हम मिलकर पूरा करे, आगे आगे तुम, पीछे हम चले, रास्ता कठिन है, पाँव जब थके, माँ की, ममता की छाया मिले, पापा की उँगली थामे हुए, आओ हम निरंतर चलते चले।
यहाँ सब समाजसेवी है, तो सब उपभोगी भी। कोई अभी तक international propaganda कहता है, तो कोई अभी तक लड़ रहा है अपनी एक एक साँस। किसी को सत्ता की पड़ी है ऐसे में भी, तो कोई एक रोटी के लिए जोख़िम उठा रहा है। कोई सबकी सुरक्षा के लिए चौराहे पर खड़ा है, तो कोई स्वयं के लिये बेपरवाह सा है। किसी को जाते जाते चार कंधे नसीब ना हुए, तो किसी को शहनाई वाले पचासों चाहिए। कोई पिछली लहर से ही सहम गया था, कुछ अभी भी किस्मत आज़मा रहे है। महामारी में मतिमारी गयी 😐
जो समझा सार बस इतना सा है वक़्त एक सा नहीं रहता खुद पर भरोसा करें, कर्मपथ पर डटे रहे, मंज़िल कभी दूर नहीं होती हमारा आत्मबल तय करता है हमें कितना दूर तक चलना है।