वो खुद को बड़ा अच्छा समझते हैं, गलतियां करने के बाद माफ़ी तो दूर की बात है, अपनी गलतियों को स्वीकार तक नहीं करते हैं! भले ही उनकी हरकतों की वज़ह से, कोई शख़्स पूरी तरह से टूटकर ही क्यों न बिखर जाए! वो अपने घमंड में दूसरों को प्रभावित तो नहीं, हाँ मगर खुद को तुच्छ ज़रूर बना लेते हैं!!
उसने मुझे उस वक्त छोड़ा जब उसके सिवा मेरा कोई नहीं था, उसने मेरा दिल तब तोड़ा जब उसके सिवा मेरे दिल में कोई नहीं था! दर्द भी उसने दिए और दर्द का इलाज भी वही है, ज़ख्म भी उसने दिए उस ज़ख्म का मरहम भी वही है!!
बहुत दिन हुए हैं, देखे हुए तुझे यार आजा, आजा सूरत दिखा मेरे यार, खिड़की पे यार इक बार फिर तू आजा, तरसे नयन तेरी सूरत को आजा होने दे नैन फिर चार, आजा, आजा सूरत दिखा मेरे यार.! बहुत दिन हुए हैं, देखे हुए तुझे यार होगा तू कैसे मुझसे बेगाना, तोड़ेगा कैसे वह रिश्ता पुराना ढूंडके दिल देख यार.! सोचता हूँ कैसे मैं खुद को रोक पाउँगा सामने होगा तो मैं लिपट जाउंगा, आजा, आजा सूरत दिखा मेरे यार, बहुत दिन हुए हैं, देखे हुए तुझे यार..!!
ऐसा क्या हुआ जो इक जरा सी बात पर बरसों का याराना गया, इसी बहाने ही तो दोस्त का प्यार भी पहचाना गया, अब क्या ही सुनाएं हम किसी को प्यार की ये दास्तां , जान मेरी जाने को है बाकी ये दिल तो दीवाना गया!!
किसी ने बिल्कुल सच ही कहा है कि, अच्छे चरित्र को अक़्सर पैसे से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि, यह इस बात को आकार देता है कि, हम दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं और दुनिया में कैसे आगे बढ़ते हैं! ईमानदारी, समझदारी , दयालुता और सहानुभूति ऐसे गुण हैं जो विश्वास का निर्माण करते हैं, सार्थक संबंधों को बढ़ावा देते हैं और एक पूर्ण जीवन जीने में योगदान करते हैं! जबकि, पैसा अस्थायी आराम या सुरक्षा प्रदान कर सकता है, यह ईमानदारी या वास्तविक मानवीय संबंध को नहीं खरीद सकता है! लंबे समय में, अच्छा चरित्र होना हमारे जीवन को समृद्ध बनाता है और हमारे आस-पास के लोगों पर एक स्थायी सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है!!