K Pandey   (कुणाल आर.पाण्डेय‘प्रवीण’)
1 Followers · 1 Following

"अपने कला पर स्नेह लिप्त परिश्रम,
उसके मनभावन श्रृंगार का श्रेष्ठ विकल्प है||"
Joined 10 August 2022


"अपने कला पर स्नेह लिप्त परिश्रम,
उसके मनभावन श्रृंगार का श्रेष्ठ विकल्प है||"
Joined 10 August 2022
23 MAR AT 10:35


"मोहब्बत बेचैन हो उठी
नफरत को पास आते देख कर
सूरत शर्मा गया सीरत अपनी देख कर
छाँव भी तो इंतजार करती होगी
धूप का गालिब
रहम खा लिया करो
बंदे कभी प्रेम के प्यासे को
बूंद मोहब्बत के लिए तड़पता देखकर"

-


23 MAR AT 10:34


"मोहब्बत बेचैन हो उठी
नफरत को पास आते देख कर
सूरत शर्मा गया सीरत अपनी देख कर
छाँव भी तो इंतजार करती होगी
धूप का गालिब
रहम खा लिया करो
बंदे कभी प्रेम के प्यासे को
बूंद मोहब्बत के लिए तड़पता देखकर"

-


18 MAR AT 11:38

"काजल की डिबिया में रखा हुं,
तेरा प्रेम संभाल कर,
प्रेम जीवंत रखो ऐसे जैसे
समंदर रखता है, शोर
अपने लहरों में संभाल कर||"



-


14 MAR AT 11:32

"कर लो महसूस अगर प्रेम की आंच को
लपेटे में ले लेगा प्रेम–अगन आपको
क्रोध आएगा प्रेम के तनाव में तो
समझो मुस्कुराहट अपना शस्त्र बना लेंगे
क्रोध में आकर तो देखो
एक बार नहीं बार बार
अपने प्रेम को प्रेम से गले लगा लेंगे
जब अपने एक ही प्रेम से हर रोज
एक बार प्रेम हो तो
सवाल ही कहां उठता है,
की किसी और को अपना बना लेंगे"

-


12 MAR AT 18:52

"एक रहस्य को छुपाना या बताना जितना आसान होता है
उससे कई ज्यादा कठिन उस रहस्य को ज्ञात कर पाना होता है"

-


12 MAR AT 15:41

"कर लेते हैं,
जो आप श्रृंगार अपना अप्राकृतिक
फीकी पड़ जाती है,
मुस्कान के आगे वह श्रृंगार प्राकृतिक
परिश्रम का कोई श्रृंगार नहीं होता
फिर भी परिश्रम से निर्मित परिणाम
के उत्कृष्ट श्रृंगार के आगे कोई
श्रृंगार श्रेष्ठ नहीं होता"

-


12 MAR AT 12:06

"प्रेम की कोई ऊंचाई नहीं होती है,
प्रेम सिर्फ प्रेम होता है,
और ऊंचाई अगर होती है,
तो वह सिर्फ भावनाओं की,
प्रेम के आस की विश्वास की"

-


11 MAR AT 20:09



"एक हैं,नेक हैं,
दुर्लभ हैं विवेक हैं
जवाब हैं सवाल हैं ,
अनंत ब्रह्माण्ड विशाल हैं
काल के महाकाल हैं,
रूद्र हैं,विक्राल हैं
प्रभु श्री राम के प्रिय प्रसन्न–चित्त ख्याल हैं
भक्तों के हृदय को भाते भोले
नम्र,सौम्य शिष्ट हैं विशिष्ट हैं
माता पार्वती स्वामी महाकाल,पिनाकी,कपर्दी,गंगाधर,नीलकंठ,
शंकर भोले शिव मेरे भगवान इष्ट हैं||"

-


11 MAR AT 16:53

"अपने कला पर स्नेह लिप्त परिश्रम,
उसके मनभावन श्रृंगार का श्रेष्ठ विकल्प है||"

-


11 MAR AT 16:51

"अपने कला पर स्नेह लिप्त परिश्रम,
उसके मनभावन श्रृंगार का श्रेष्ठ विकल्प है||"

-


Fetching K Pandey Quotes