तुम्हारे ही ख्याल पर खत्म होगा ये साल..
तुम्हारी ही ख्वाहिश से शुरू होगा नया साल...!!-
निकले है वो लोग मेरी
शख्सियत बिगाड़ने..
जिनके खुद के किरदार मरम्मत
मांग रहे है।-
मैंने खोया हैं अपनी हर प्यारी चीज़ को,
मैं अपनी किस्मत फिर भी आजमाऊंगा
एक शायरी लिखी है
कभी मिलेगी तो सुनाऊंगा ❣️-
सब्र इतना रखो कि इश्क बेहूदा ना बने,
खुदा मेहबूब बन जाए पर मेहबूब खुदा ना बने
😊-
क्या है कि.. बहुत मासूम लड़की है इश्क की बात नहीं समझती,
ना जाने किस दिन ने खोई रहती हैं मेरी रात नही समझती हैं,
और hmmm, Haa, sahi bat hai तो कहती हैं, अल्फाज़ समझ लेती है पर मेरे जज़्बात नहीं समझती...-
खामोशियां तुम्हारी मुझसे बातें करती है,
मेरी हर आह हर दर्द समझती है..
पता है मजबूर हो तुम भी और मै भी,
फिर भी आंखें तेरे दीदार को तरसती है..-
मर चुका है दिल मगर ज़िन्दा हूँ मैं,
ज़हर जैसी कुछ दवाएँ चाहियें..
पूछते हैं आप, ‘आप अच्छे तो हैं’ ?
जी, मैं अच्छा हूँ, दुआएं चाहियें...-
वो मेरे लिए अधिक में मैं उसके लिए अल्प,
वो मेरे लिए अनिवार्य मैं उनके लिए विकल्प...-