मैंने उसे सच से रूबरू और उसने मुझे गुमराह रखा है , जैसा वो है वैसा उसने मुझे जमाने में बता रखा है। एक वक्त था जब वह मुझे बाबू सोना कहा करता था, अब नाम उसने मेरा बेवफा रखा है।।
सोच भी लिया और विचार भी कर लिया, खुद को थोड़ा समझदार भी कर लिया।। और कोई जिंदगी में आए और रुला कर चला जाए वो दिन गए,, हमने आंसुओं को बेचकर कारोबार ही कर लिया।।