K. K. Pathak   (K. K. Pathak ✍️)
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Writer , Poet , Thinker , Philosopher
Rewa (M.P.)
Joined 29 November 2023


Writer , Poet , Thinker , Philosopher
Rewa (M.P.)
Joined 29 November 2023
4 HOURS AGO

सच्चे रिश्ते मुश्किल और असफलता के दौर में बनते हैं;
सफलता के दौर में बने हुए रिश्तों की बुनियाद कभी सच्ची नहीं होती।

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21 APR AT 21:18

ग़र मंजिलें हों विराट तो फिर सफर भी लंबा होता है,
समंदर की गहराई में उतरे बिना कहां नसीब में मोती होता है...!?

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21 APR AT 13:46

वक्त का दरिया..
समंदर से गहरा हो चला है,
मिरे ज़ख्मों पर..
अब वक्त का पहरा हो चला है।

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21 APR AT 13:25

हम पर जो गुजर रही वो कैसे बताएं?
हाल-ए-दिल हर किसी को कैसे सुनाएं?
अपने थे जो वो गैरों सा सलूक करने लगे;
वक्त का दिया जख्म यहां किस-किसको दिखाएं??

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20 APR AT 21:38

वक्त ने भी जिंदगी में कितना अजीब दौर दिखाया...
था सब कुछ अपने हाथ में,
मगर कमबख़्त ये कदम डगमगाते रहे।

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15 APR AT 16:12

ख़यालों में तेरे खो से रहे हैं,
रातों में आजकल कम सो रहे हैं
दूरियां भी मुझको सताने लगीं अब,
धीरे-धीरे से हम तेरे हो रहे हैं।।

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13 APR AT 18:55

तेरी तारीफ में कुछ अल्फ़ाज़ लिख रहा हूं,
तेरी मुस्कान को वसंत और तुझे गुलाब लिख रहा हूं,
चॉंदनी सी रौनक है तुझ में समाई,
तेरी हर इक अदा को लाज़वाब लिख रहा हूं।

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13 APR AT 15:07

हम उनकी चाह में तड़पें.. उन्हें फर्क क्यों पड़ेगा,
उनके ख्यालों में रहें मरते.. उन्हें फर्क क्यों पड़ेगा,
हुस्न वालों के चाहने वाले हैं यहां बहुत इसलिए,
हम उन्हें मिलें ना मिलें.. उन्हें फर्क क्यों पड़ेगा ??

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13 APR AT 12:52

जब तेरी याद सताए.. तो बता क्या करूं?
जब मुझे चैन ना आए.. तो बता क्या करूं?
तुझ बिन ये तन्हाईयां बहुत तड़पाती हैं...
इक पल जब तुझसे दूर रहा न जाए.. तो बता क्या करूं?

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13 APR AT 12:27

"शरीर की वेदना और हृदय की संवेदना"
सिर्फ वही समझ सकता है.. जिसने महसूस किया हो।

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