हम तो नैना बिछाए बैठे है,
नैनों में तुमको बसायें बैठे है।
ना करना जानें की बात अब हमसे ,
हम तो तुम्हारे ही सपने सजाए बैठे है ।-
हमारी आशिक़ी के चर्चे आम हो गये ,
हमारी आशिक़ी के चर्चे आम हो गये ।
हमने फिर इश्क़ किया और फिर से बदनाम हो गये ।-
कब दिन से रात हो गयी .
हम तो उनसे इश्क़ किए बैठे थे ,
फिर एक दिन ,
उनके हमसफ़र से मुलाक़ात हो गयी
-
हम पे तिनके का विश्वास ना था उनका ,
हमपे तिनके का भी विश्वास ना था उनका ।
ना जाने ये कौनसे इश्क़ का मिजांज था उनका ।-
Hamko to unke naam ki lagani haldi thi ,
Lakin kya kare, unhe bhi thodi jaldi thi .-
के कोई बात नहीं जो वो ना आ पाए मेरे निकाह पे तों,
हम उन्हें एक और मौका देंग़े अपने जनाज़े में आने का ।-
इस टूटें दिल के बहाने बहोत है,
लिखता हूँ क्यूँकि अफ़साने बहोत है ।
लोग पुछते हैं उनका क्या हुआ ,
अजी उनका तो वो ही ज़ाने ,
हमारे तो आज़ भी दीवाने बहोत हैं ।-
हा कभी ना भूलूंगा,
तेरी वो मुस्कुराहटें ,
तेरी वो मासूमियत,
जब कहती थी तू मुझे "कोई बात नहीं" ,
हर गलती को मेरी, छोटी हो या बडी |
तेरा मेरे लिए यू प्यार ,
मै मर जाऊ इसपे सौ बार |
जब भी करता था तुमसे लड़ाई,
बस इंतजार होता था, कब होगी सुनवाई |
अब तो बस यादें रह गई ,
तुमसे की हुई सारी बाते रह गई ,
सपने थे जो आखो मैं ,
वो अश्कों में बह गए |
अब तो इंतजार है , कब होगी तुमसे मुलाकात ,
पता नई होगी या नहीं वो पुरानी वाली बात |
हा पर कभी ना भूलूंगा,
तेरी वो मुस्कुराहटें |
तेरी वो मासूमियत |-