एक उमर बीत गई भुलाने मे, जब भूले तो बदल लिया खुद को जमाने ने। डूबे कुछ इस क़दर समंदर मे, की दूर कर दिया साहिल ने भी हमें बहाने से। -
एक उमर बीत गई भुलाने मे, जब भूले तो बदल लिया खुद को जमाने ने। डूबे कुछ इस क़दर समंदर मे, की दूर कर दिया साहिल ने भी हमें बहाने से।
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कहा उन्होंने दास्ताँ ऐ दर्द पे वाह नही होता, लिखते हो गम हर लफ्ज़ मे अपने,खुदा कसम हर शक्स बेवफ़ा नही होता। -
कहा उन्होंने दास्ताँ ऐ दर्द पे वाह नही होता, लिखते हो गम हर लफ्ज़ मे अपने,खुदा कसम हर शक्स बेवफ़ा नही होता।
खाबो मे ही सही तेरे, पर सोने तो दे। बाहों मे ही सही तेरी, पर रोने तो दे। धुँधला हुआ है चेहरा खुद का खुद की नज़रो मे, तेरी आँखों मे ही सही खुद को देखने तो दे। -
खाबो मे ही सही तेरे, पर सोने तो दे। बाहों मे ही सही तेरी, पर रोने तो दे। धुँधला हुआ है चेहरा खुद का खुद की नज़रो मे, तेरी आँखों मे ही सही खुद को देखने तो दे।