K ♡   (K@r!$hm@)
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Joined 20 November 2018


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5 MAY 2021 AT 9:55

मैं वो कहानी कब की मिटा चुकी हूँ,

जिसमें वो खुद को किरदारों में बदलकर

कईं कहानियाँ बनाता था!!

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24 JUL 2020 AT 15:09

नजरें भी तेरी करती अदा सकाफत
तेरे खिले रुखसार पर मेरी धड़कने करती बगावत
मुक़द्दस तेरी मन की काया, कि तकमील करते-
करते खुदा ने भी वक्त से मांगी होगी फरागत

मोहतरमा,
अपनी उलझी जुल्फों को यूं न सुलझाओ
हमारी अच्छाई को यूं न आजमाओ
कशिश तेरे चेहरे की हमें डूबा रही
की अच्छे-भले मुसाफिर को मंजिले यूं न भुलाओ

हिकमत देखों उन साहूकारों की,जो लगाएं तुझपे दाम
जो हैं नशा तेरी खुलूस का,उतना नशीला कहाँ जाम
की तुम तो प्रासाद हो,कौन भला खण्हर चाहेआमदा है
सबकी नजरें, की मुसिन भी तुझे चाहे अपने नाम

इख्तिताम करदुं अंजुमन का,की मुझे तुझसे रग़बत हैं
कह कर देख एक दफा, मुझसे तुझको शफ़क़त हैं
शरर तेरी चाह की, कि ये जहां जला दूँ
फिर तेरे आगे खुदा भी क्या, गर तू मुझसे सहमत हैं!
-Karishma_Lakhesar

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21 JUL 2020 AT 8:37

वो घाव है, तो मरहम भी है
कभी शत्रु तो वो ही हमदम भी है
वो पीछे देखने की वजह तो आगे बढ़ने की हिम्मत
सब होंगे अपने मालिक लेकिन वो तो खुशियों की कलम भी है

रूठता तो खुदा भी है, फिर वो तो इंसान हैं
रिश्तों में उतार-चढ़ाव ही प्रेम की पहचान हैं
खुदगर्जगी नहीं हैं दूरियों की वजह, बस
थोड़ा अहंकार तो बस वजह आत्मसम्मान हैं

उनकी थप्पड़ की गहराई में भी आशीष होती हैं
होऊ मैं कामयाब ऐसी उनकी साजिश होती हैं
रूठते क्यों हो, उनकी छोटी-छोटी बातों से की ये तो
है सफलता के मंत्र, जैसे जादुई कोई ताबीज होती है

अनदेखा कर उन्हें मानते खुदको शेर हो
कुछ पल की नाराजगी में कहते उन्हें गेर हो
हमेशा जुड़े रहते है तुमसे जैसे होती है आत्मा
फिर क्यों खुदकी आत्मा से बांधते बेर हो

राहगीर नहीं किसी भी रास्ते के, वो तो शान है ना
तुम्हारे चेहरे की रोनक तो,तुम्हारी मुस्कान हैं ना
क्यों अपनों को कर पराया,खुद को दर्द देते हो
अपने तो अपने होते है, अपनें ही तो जान हैं ना!!
-Karishma_Lakhesar


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19 JUL 2020 AT 10:27

प्यार तू तेरा हर वक्त जताया करता था,
पर समाज का डर मुझे हाँ कहने से हराया करता था।।
मेरे लिए ये पागलपन देख मैं तेरा,
दुनिया छोड़ तुझमे, समा जाऊ दिल कहता मेरा।।
हाँ वैसे तो मैं भी तेरे पागलपन की दीवानी थी,
मेरी हर सांस में बसी तेरी ही हमेशा कहानी थी।।
तेरी हर रूह-रूह में मैं समा जाऊं,
मेरी भी इच्छा थी कि मैं तेरी बन जाऊं।।
पर समाज की रस्मे कस्मे मुझे देती दिखाई थी,
इसलिए ही तो मेने अपनी feelings तुझसे छुपाई थी।
जो तुझे छोटी-सी चोट लगती तो घबराया मैं करती
पर फिर भी छोड़ मैं ही दूर तुझसे जाया करती।।
जानती हूँ मेरी यादों में आँसू कितने बहाए थे तूने,
मेरे वापस लौटाने की आशा में कितने अरमां बिछाए थे तूने।।
न आई मैं न आई कभी मेरी feelings तेरे सामने,
बस रह गई यादें और क़ब्र मेरी तेरे सामने,तेरे सामने।।
-Karishma_Lakhesar

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18 JUL 2020 AT 10:48





जाने पर तेरे जाम पीकर शराबी रूप का मैं,न चरित्र बनूँगा..
अरे आँसुओ और तेरी यादों के साथ मैं,न मित्र बनूँगा..
तू जाके तो देख एक बार,तेरे जाने के बाद तो बस
गंगाजल में विसर्जित होकर,मैं जल पवित्र बनूंगा..
मैं जल पवित्र बनूँगा...
-Karishma_Lakhesar✍️

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15 JUL 2020 AT 11:11

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8 JUL 2020 AT 22:16

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8 JUL 2020 AT 16:42

We are antiparallel to each-other;
He get someone else,
I lost someone special!!

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8 JUL 2020 AT 9:54

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7 JUL 2020 AT 18:59

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