तकल्लुफ़ की ही तो बात थी इश्क़,
पर ! कुछ तो उनसे हुए नहीं,
ओर कुछ तो हम करते ही चले गये।
ज्योत्सना🐼-
हाँ, मुश्क़िलात मेहसूस होती है अक्सर !!!!
जब ज़िंदगी का सबसे सुलझा हुआ पैहलू भी उलझने लगे,
और कोई उसे सुलझाने के लिये तुम्हें झकजोर दे ।
जब क़ायनात का कोई भी सुकून तुम्हें शान्त न कर पाए,
और वो तिनका भर सा ख़याल ही, तुम्हें जीने पर मजबूर कर दे ।
जब हसरत दिल में इस जहाँ की हर खुशी हासिल करने की हो,
और उसे पाने की चाह बीच में ही दम तोड़ दे ।
जब तुम्हें ज़रूरत हो उस शख्स के हर्फ़-ए-ऐहसास की,
और वो उस वक़्त ही ज़िल्लत भरे शब्द, तुम्हारे आगे परोस दे ।
ओर हाँ, मुश्क़िलात होती हैं अक़्सर जब बहुत ढूंढने पर भी,
तुम्हें वो बीता हुआ पल न मिले ।
हाँ, मुश्क़िलात मेहसूस होती है अक्सर ।
पर ख़याल रखो, इन मुश्क़िलात से मत घबराना,
ये बेहतरीन ज़िंदगी है, इसे पूरी तरह पेहचान कर ही जाना ।-
क्या हम लौट सकते है क्या ?
उस वक़्त में जिस वक़्त से अक्सर भागा करते थे।
वो homework notebook जिसे अक्सर बंद किया करते थे, क्या दोबारा खोल सकते है उसे ?
वो जो class में छुप के बात करने पे पड़ती थी, वो डाँट खा सकते है क्या फिर से ?
दोस्त के lunch box में छुपे उस ख़ज़ाने को, क्या हम चुरा सकते है फिर से ?
उसके roll number पे हाज़िरी दाखिल करके, क्या फिर से अपने गुरू को पागल बना सकते है ?
जो school से लौटते वक़्त करते थे, वो सारी बाते माँ पापा से बता सकते है क्या ?
उस park के झूलों में बैठ के, एक दूसरे की उलझने फिर से सुलझा सकते है क्या ?
Building parking में छुप के, फिर से लुका छुपी खेल सकते है क्या ?
और tuition के बाद शाम को, उन खेतो से आम चोरी कर सकते है क्या ?
मैं जानती हूँ ये मुमकिन नहीं, पर फिर भी पूछती हूँ महज़ कुछ वक़्त के लिए ही सही,
के क्या हम खुद के अंदर का दिल ओर बचपन फिर से महसूस कर सकते है क्या?-
Somewhere someday if you miss me,
Then don't hesitate , to call me .
Somewhere someday if you need me,
Don't think before , asking for help.
Somewhere someday if you see me ,
Just put your ego aside , and shake hand .
Somewhere someday if you meet me,
Don't be shy,to come into my arms.
Somewhere someday if you want me,
Then just call my name , I will be there.
Somewhere someday if you lose me,
Then just look back to my old smiling memories , and smile like a stupid.
And what I will do,
Is to wait for that...somewhere....someday.-
तो सुनो !!!..हम अब खुद ही संभल जाते है ,
हम बस खुद ही संभल जाते है ,
के कहीं गर उन्होंने संभाल लिया
तो फ़िर हम गिर भी कहाँ पाएंगे।-
मेरी हर दुआ उस तक तुझसे ही होकर जाती हैं,
माँ तू ही तो खुदा से मेरी हर दुआ क़ुबूल कराती है।
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वो इश्क़ जिसने इश्क़ की सहूलियत सिखाई हो,
उस इश्क़ को कभी नज़रअंदाज़ मत करना।
दरमियाँ तुम्हें वो मिले न मिले,
उस सख्शियत को कभी इनकार मत करना।
तुम्हें बयां नहीं करेगा बेशक़ वो,
पर जो वो बयां न कर सके तो उसे बेकार मत समझना।
और गर खता कर भी दे वो,
तो उसकी परवाह को बेपरवाह करार मत करना।
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काश ये रात यूंही नम न होती , तुमसे हमारी मुलाक़ात यूं हुई न होती।
तेरी रातों की नरम तकियो सी वो बाते, न जाने क्यों सूनसान उस सड़क सी हो गई है।
काश उस हलचल से भरी सड़क पर मैं उतरी ही न होती।
वो कहते है के तुम्हें बयां करना आसान है क्या, क्या समझू इसे, क्या तमाम उन तरीको से किसी एक के भी लायक नहीं हूं मैं।
काश भावनाओ के उस गहरे समंदर में मैं डूबी न होती।
समेटना खुद को है पर तुझे समझने में लगी हूँ, मानो इस मझधार की कश्ती को रोकने में लगी हूँ।
काश इसी कश्ती से ही दोस्ती कर ली होती।
काश हमारी मुलाकात यूँही न होती ... काश।-
तुम्हारी वक़्त की इस कमी से हमने दोस्ती कर ली है, और हाल फिलहाल यूंही मालूम पड़ा के तुमने हमारी ही औकात तय करली हैं।
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Dear Girls and Boys,
No one is Interested in your social media credentials. If you are asked for so, then it's your choice to deliver trust or ego.
Remember, that is your social life not the personal one. React Wisely.
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