Jyotsana Srivastava   (Jyotsana)
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Joined 5 June 2021


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Joined 5 June 2021
YESTERDAY AT 1:59

जिंदगी की किताब के
पन्नों पर सिमटे हैं कितने मौसम.
कितनी सर्दियां, कितनी बारिशें, कितने बसंत .
कितने एहसास कितने ख्वाब,कितने जज़्बात.
आज तेज़ बारिशों ने कुछ पन्ने यूँ ही पलट दिए
फिर याद आ गए कुछ लम्हें.
कुछ बीते साल .
जिंदगी की किताब में सिमट गए है
कितने मौसम, कितने खूबसूरत लम्हे .
Jyotsana Srivastava

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22 MAY AT 0:52

जिंदगी के सफ़र में सच्चाई ज़रूरी है .
अक्सर विश्वास टूट जाने पर
किसी के लम्हे बिखर जाते हैं और फिर
एक अर्सा लग जाता है उन्हें फिर से जोड़ने में .
जिंदगी का लम्हा लम्हा
एक खूबसूरत नियमत है. हर लम्हा सुकून सा .
Jyotsanasrivastava

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21 MAY AT 1:48

सच्चे दिल से
माँगी मन्नत पूरी हो जाती है.
ज़िन्दगी के सफ़र में ,
चलते रहिए मंजिल की ओर
आँखों में एक ख्वाब और
दिल में एक मन्नत लिए .
जैसे फूलोँ में समायी खुशबू हो
मंज़िल मिलेगी ज़रूर .
सच्चे दिल से माँगी
मन्नत पूरी होती है .
Jyotsana Srivastava

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20 MAY AT 2:00

Every new morning ,
when the rays of sunlight shine
on the dew drops
on the flower petals,
a new day welcomes us.
Each new day brings new hopes and
new zeal to achieve our goals .
Every new day is a blessing.

Jyotsana Srivastava

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19 MAY AT 1:35

दिवारों से बना वो एक मकान .
आपसी प्रेम और विश्वास के
खिले फूलोँ की ,
खुशबू से एक घर बन जाता है .
घर की हर दीवार कुछ कहती है,
कितने रिश्तों, को समेटे
अपनी दीवारों पर लगे उन चित्रों में .
कितने एहसास , कितने ख़्वाब सिमटे ,
एक घर आदर और आपसी प्रेम से ,
दीवारों का एक छोटा सा मकान भी
खूबसूरत घर बन जाता है.
Jyotsana Srivastava

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17 MAY AT 22:03

आज फिर बादलों को बरसते देखा.
आज फिर बारिशों को आसमान से ,
ज़मीन पर गिरते देखा देर तक यूँ ही ..
रिमझिम बौछारों को,
पेड़ों के पत्तों पर बिखरते देखा .
बरसती बूंदों की आवाज़ सुहानी धुन जैसी .
मन का मयूर ख़्यालों में ही नाच उठा हो जैसे .
फूलोँ की मनमोहक खुशबू बिखरी हवाओं में .
मेरी कलम ने लिख दिया कितने अल्फाज़ पन्नों पर
आज फिर बरसात के मौसम मे...
Jyotsana Srivastava

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17 MAY AT 1:25

जिंदगी के सफ़र में ,
हर लम्हा एक जैसा नहीं होता .
वक़्त बदल जाता हैं.
कभी धूप ,कभी छाँव,कभी सर्द हवाएं
कभी बसंत के फूलोँ का मौसम यहाँ.
लम्हा लम्हा खुशियाँ यहाँ
हर लम्हा एक मन्नत पूरी हो गई हो जैसे .
ये सफ़र एक पहेली जैसा
Jyotsana Srivastava

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16 MAY AT 1:28

कभी ऐसे भी हो खामोशियों के मंजर में
हाथ में चाय की एक प्याली हो
ख़ामोशी हो दरमियाँ और
ख़ामोशियों को लफ़्ज़ मिल जाएं.
कह दें दिल की बात जिनके के लिए,
अर्से से तलाश कर रहे. कुछ लफ़्ज़ जो मिलते नहीं .
कभी ऐसा भी हो ख़ामोशी लफ़्ज़ खोज लें
बरसते बादलों के खूबसूरत मौसम में .
Jyotsana Srivastava

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14 MAY AT 22:36

कभी ख़ुद से बातेँ करिए .
कभी दिल से पूछिए उसकी रज़ा क्या है .

जिंदगी के सफ़र में चलते रहिए,
मंज़िल की ओर मुस्कराहटें लिए.

अक्सर राहें आसान नहीं तो क्या ?
मंज़िल मिल जाती है, चलते रहना है राहों पर.

मंजिल भी हमें तलाश लेती है,इन्हीं राहों पर चलते चलते.
जिंदगी का सफ़र बहुत खूबसूरत है .
Jyotsana Srivastava

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14 MAY AT 21:59

Some important
decision making in life .


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