खुद से क्या छुपाना है....
अपने अंदर की दरको बाहर निकाल....
ऐ वक्त जो आज तुझे सता रही है ....
बह जरूर बदलेगा आज नहीतो कल ....-
हार मत जाना मेरे दोस्त.....
मंजिल की इस खोज में सौ बार तु गिरेगा..
थोडासा तो सबर करले .....
एक दिन ए मंजिल भागकर तेरे पास आयेगा..-
दूसरों की तरह क्यूं बनना हैं....
खुद की किताब खुद लिख....
जीवन में एक नहीं तु हजार गलतियां करेगी....
हर गलती से कुछ ना कुछ सिख....-
କହଇ ଏ ମନ ମତେ ବାରମ୍ବାର....
ଥକି ଯାଇନୁ କି ଥକି ଯିବୁନି ନିଜ ଚଲା ପଥରେ....
ଅବଦୁଲ୍ କାଲାମ କହିଯାଇଛନ୍ତି....
ସେଇ ସ୍ଵପ୍ନ ସତ ହୁଏ ଯେଉଁ ସ୍ବପ୍ନ ଶୁଆଇ ଦିଏନି ରାତିରେ..
-
परेशान कन्यू हो रहा हे....
जीवन की दौड़ में एक बार नन्हीं सो बार तु गिरेगा....
एक बात को याद रखना मेरे दोस्त.... मंजिल को पानेकिलिये समझदार नन्हीं थोड़ा पागल बनापडेगा....-
ଏ ସନ୍ଧ୍ୟା କୁ ଦେଖି ମୋ ଇଚ୍ଛା ଗାଇବି ମୁଁ ଗୋଟେ ଗୀତ କାକର ପଡ଼ିଲାଣି ଟୋପାଏ ଟୋପାଏ ଲାଗିଲାଣି ଟିକେ ଶୀତ
ଚା କପେ ପୁଣି ବିସ୍କୁଟ ଧରି ବସିଛି ମୁଁ ଘୋଡ଼ି ହୋଇ।
ମଜା ମୁଁ ନେଉଛି ଏ ସନ୍ଧ୍ୟା ର ଦୃଶ୍ୟରୁ ଗୁଣୁଗୁଣୁ ଗୀତ ଗାଇ-
ए मंजिल दूर नही ही मेरे दोस्त........
दरकार नही हिमत से अपने पांव रख......
दुनिया को तो बाद में बदल ना.....
पहले आपने आप को बदल ना सिख.......-
ଦୀପାବଳୀ ର ଅନେକ ଅନେକ ଶୁଭେଚ୍ଛା ଓ ଅଭିନନ୍ଦନ 🙏।
ଏହି ଦୀପାବଳୀ ଆପଣ ମାନଙ୍କ ଜୀବନ ରେ ଖୁସି ଆଉ ଉନ୍ନତି ନେଇ ଆସୁ 🙏☺️।-
ଲେଖିବା କୁ ଅଛି ମତେ ଅନେକ କିଛି .......
ଶବ୍ଦ ମିଳୁନି ମୋ ନିଜ ପାଖରେ....
କହିବାକୁ ଅଛି ମତେ ଅନେକ କିଛି.......
କହି ପାରୁନି ମୁଁ ତୁମ ପାଖରେ....-