जैसे सपना
यूँ ही मूँद कर पलकें सोच रही हूँ
वो खुशियो के पल जो बीत गये
सब सपना ही लगता है
आने वाले कल का सपना देख रही हूँ
जो चल रहा है
उसमे खुशियाँ कहाँ देख पाती हूँ
वक्त कब रुका था
हर लम्हे मे जिंदगी की एक नयी तस्वीर बनाती हूँ
हर पल मुस्करा रही हूँ
यही हकीकत है शायद इस जिंदगी की-
सफर ज़िन्दगी का महकता रहा
वक़्त दिन , महीने और सालों
में... read more
खूबसूरत शामों में
जब डूब जाता है सूरज
हवाएँ गुनगुनाती है
एक सकून सा फैलाती है
मुस्कुराती खामोशी फैली है फ़िज़ाओं मे
ये वक्त रोज आता है
एक प्याली चाय
बालकनी के कोने मे बैठे कर
खूबसूरत शाम को अपने अंदर उतर जाने देती हूँ
हाँ! शाम की सरगोशियो से
मुझे मोहब्बत है-
बहुत बारिश हो रही थी आज रात
सड़कों के सन्नाटे को लैम्प पोस्ट की लाइट और भी गहन कर रही थी
हवाओं के थपेड़े बारिश की आवाजें
जानें क्यूँ एक भय दिल के
किसी कोने मे दस्तक देने लगा
कभी-कभी सोचती हूँ
रात क्यों आज भी मुझे डरा जाती है
ये सब प्रकृति के रूप है
यही सोच रही हूँ
दिन - रात ये भी सुख - दुख
की तरह ही तो है
आज भी सुख में सुखी
और दुख में दुखी होना
तटस्थ भाव से जीवन की
परिस्थितियों को क्यों नहीं अपना पाते
कब समझेंगे हम जीवन को
-
तुमसे मिलकर अच्छा लगता है
वो तुम्हारा अपनापन
दिल की गहराईयों को छू जाना
कुछ पल सकून के
हर गम को भुला देता है
गले लगा लो
एक लम्हे का ये एहसास
बहुत जरूरी है-
उनसे मोहब्बत है
लफ्ज़ क्या बयां करते
बातें दिलों की
आँखे खामोशी से बयां कर गयी-
सतरंगी दुनियाँ में खो जाओ
कभी-कभी बे -वजह खिलखिला लो तुम
ख्वाबों को छूने की कोशिश करो
बारिश में भीगो तुम
जिंदगी है बहुत खूबसूरत
हर लम्हे को जी लो तुम-
खूबसूरत निगाहों को देखा है जबसे
नज़र कुछ यूँ मिली उनसे
हो गयी मोहब्बत हमें भी
निगाहों से कुछ पढ़ा उन्होंने भी तो होगा-