कल तक जिसे भुला रही थी
आज फिर ज़हन में आया है
कैसी है ये इश्क़ ए फितरत
कैसी मोह माया है-
कुछ खयाल है हकीकत बनाने को🏞🚴♀
मिलते भी थे कभी कभी और चार कदम भी चल लेते थे
हो जाती थी बिना मिले भी गुफ्तगू और कभी सपनों में ही आंखे चार कर लिया करते थे
दिल को सुकून से भर लेते थे जब भी हम साथ होते थे-
कभी लिबास कभी रिवाज
कभी कवच कभी अशुभ
खूबसूरती पर निखार तो कभी दाग़
कभी डर तो कभी छांव
कोई दंग तो कोई भंग
मगर है तो बस एक रंग
-
It's always there above
Why want people to discover
Indeed we need to first serve
-
आंखों की बनावट को
कभी घनी पलकों को तो कभी छूटते काजल को
काश थोड़ा और देखते तो नहीं भिगोते आंचल को-
जीवन के दस्तावेजों में कुछ पन्ने भावनाओं के, कुछ महफ़िलो के तो कुछ जरूरतों के जुड़ जाते हैं
मगर क्रमशः भावनाओं के पन्नों पर महफ़िल के और महफ़िलो के पन्नों पर जरूरतों के पन्ने अक्सर हावी दिखाई पड़ते हैं-
कभी कहीं मिल भी गए
तो अजनबी समझ के नज़र फेर लेना
हादसे दोहराएं नहीं जाते
भले ही हो कुछ गिले शिकवे
मगर हादसे दोहराएं नहीं जाते-
जब तक ना मिले सराहनीय
मिल जाने पर मोल नहीं जमाने में
किसे वस्तु जाने किसे मनुष्य
कईं तजुर्बे लगते है जानने मे-
Everyone starts to appreciate that we are firstly and lastly INDIANS
Everyone starts to neglect one's caste, religion, race, and superstitions so we become ultimately citizens
Everyone starts to have selflessness and think about the plight of others and so about our nation-