माई के अंचरा में दुनिया जहान बा
माई से ही त इ पुरा आसमान बा-
अपने दिल का अरमान लिख रही हूं
एक चिट्ठी एक पैग़ाम लिख रही हूं
मेरी आवाज़ तेरे कानों तक पहुंचती नहीं
इसलिए तेरे वास्ते खतों का ईनाम लिख रही हूं
कभी फुर्सत मिले तो पढ़ना उन खतों को
मेरे आंसू तेरे आंखों में न आएं तो बताना
बेरूखी सारी दुनिया की ग्वारा हैं मुझे
बस तेरी बेरूखी इस दिल को ग्वारा नहीं-
কোনো কাজ করতে কত সময় লাগে এটা বেশি গুরুত্বপূর্ন না ।
গুরুত্বপর্ণ এটা যে তুমি কত মন দিয়ে প্রতিদিন তোমার কাজ করো।-
रात ने चादर ओढ़ ली है
पर आंखों में नींद कहा
दिल बेचैन हैं
इस दिल को चैन कहा
रात ने चादर ओढ़ ली है
पलकों में वो ख्वाब कहा
दिल में हलचल सी मची है
इस दिल का सुकू कहा-
नन्हें नन्हें कदमों से चलना
थोड़ा गिरना फिर चलना
जिंदगी के लंबे सफ़र कि
छोटी शुरुआत हैं
आशीष हैं मेरे नन्हें जवान
तुम चलो कुछ इसकादर
ये दुनिया पीछे रह जाए
दुनिया के भीड़ से निकल
सच्चा योद्धा बन जाओ
लाख बुराई इस जग की
तुम्हें कभी छू ना पाएं
जग में अपना तुम
नाम कमाना-
मेरे कृष्ण तुमसे विनती है
मेरे हाथों को इतने कस कर पकड़ना
कि भले बिछड़े ये धरती अंबर
पर तुम कभी ना बिछड़ना
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हे कृष्ण! पुनः अवतार लेकर आओ ना
पुनः मुरली की वहीं धुन बजाओ ना
मेरा मन करुण वेदना से भरा है
मेरे होठों पर मुस्कान लाओ ना
मेरे कृष्ण छुपे हो कहां
दर दर तुझे ढूंढू मैं
पल पल तुझको सोचू
मेरे अधरों को छू जाओ ना
मेरे कृष्ण प्रेम का राग गाओ ना
बेताब मेरे मन को शांत कर जाओ ना
दूर बरसाने में मिलने दौड़े-दौड़े आओ ना-
कब से तेरी राहें तकती मेरी अंखियां पथराई
कंबख्त इन आंखों में नींद भी ना आई
वक्त जैसे ठहर सा गया मौसम जैसे जम सा गया
अंशु सैलाब बन उमर रहे तुझे पाने को हम तड़प रहे-
तुम्हारा प्रेम वो सौगात है जिसे ईश्वर ने नवाजा है
मेरी ख़ाली झोली में तुझे इबादतों से डाला है-