अगर लोग बातों से ही सीख लेते
तो क्यूं होते हादसे उनकी जिंदगी में।-
यू तो आज कल मैं भीड़ में भी
खुद को अकेला सा महसूस करती हूं
इंसान का दुख रूई के समान होता हैं
कोई साथ मिल के फूंक दे तो उड़ जाता हैं
अगर ज़माने ने नुमाइश की तो वही रूई पत्थर सा बन जाता हैं।-
जिसकी पसंद के लिए बदलते जाओगे
वो हर बार अपनी पसंद बदलते जायेंगे-
हर आदमी के अपने अपने मलाल हैं
कोई प्यार का मोहताज़ हैं तो
कोई रिस्तो से परेशान हैं
भिक्षुक भूख से मरता हैं तो
अमीर प्रेम को मलाल हैं
हर आदमी के ही अपने अपने मलाल हैं
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अजनबी थे हम
अब दिल में हो
कौन हो तुम?
क्या हो तुम ?
दिल कहे कि
दिल हो तुम-
कुछ ‘ज़ख्म’ ऐसे होते है जो सिर्फ
वहीं ठीक कर सकता हैं जिसने
वह ‘ज़ख्म’ दिया हैं-
उस इंसान के हिस्से कुछ ज्यादा ही ‘उदासियां’ आती हैं
जो किसी के प्रति पूर्ण रूप से ईमानदार होता हैं-
मन की दूरियां यू हुई........
हमें उनसे हजारों बातें करनी थी,
लेकिन उन्हें हजारों से बातें करनी थी।-
धीरे – धीरे सब बदल जाता हैं
रास्ते भी ....., मंजिल भी.....
और कभी – कभी हम खुद भी।-