Jwala Pandey   (Harshit)
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Painting is a silent poetry, and poetry is a painting that speaks...!
Joined 18 June 2023


Painting is a silent poetry, and poetry is a painting that speaks...!
Joined 18 June 2023
27 FEB AT 1:43

मुझे शक्स मिला तन्हा सा एक
अपनी तन्हाई में, साथ काटने को कुछ पल
मैं भी गुमसुम सा बैठा था।
वो यूं ही मुझसे मिल गया;
मेरे घर मेरी ही दहलीज पे कल।।।
पूछता है की मेरा ख्वाब क्या है!
मैने कहा भागता रहता हूं
भागता रहता हूं तो चैन नहीं आता;
चैन आता तो नीद आती,
नीद आती तो ख्वाब आते ;
और ख्वाब आते तो ज़रूर बताते!!
उसने फिर से पूछ लिया;
किससे भागते हो?
जिंदगी से?
जिंदगी तुम भी ठहरे, जिंदगी हम भी !
किसी की अनकही से?
अनकही से भाग लो;
मगर अनसुलझे तो हम भी!
मैने रोक कर कहा ;
मैं तलाश में भागता हूं!!
एक ऐसी रात की , जिसकी कोई सुबह न हो एक ऐसी आवाज की , जिसके बाद और कोई सुनाई न दे

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13 JAN AT 20:13

तुम मक्कारों की महफिल में वफ़ा ढूंढने आए हो? (2)
शायद तुम्हें मालूम नहीं, कि तुम जहर की बोतल में दवा ढूंढने आए हो।
जिनकी बेदर्दी को किसी के अश्कों से फर्क नहीं पड़ता;
तुम उन बेदर्दो में कोई नाराज, कोई खफा ढूंढने आए हो!
गलती तुम्हारे पाक दिल की नही थी ,
पर फिर भी तुमने गुनाह कर दिया।
जिन्हे दुनिया फरेबी के नाम से जानती है;
तुमने उसी पे अपना सब कुछ फना कर दिया!?
तुम अपने टूटे दिल के टुकड़े समेटने निकले हो?
नही मिलेंगे मालूम है हमे।
क्योंकि ऐसे सफर हमने हजार कर दिए हैं,
हमें मालूम है;
क्योंकि ये मशवरे हमने अरसों गुजार कर दिए हैं!
कभी वहम में ,
तो कभी इंतजार में।
वक्त आज भी गुजार रहा है मगर;
फर्क इतना है बस, की इस दिल तक पहुंचने की इजाज़त अब किसी को नही!!

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11 JAN AT 10:08



In the realm of love, where hearts entwine,
A symphony of emotions, so divine.
With every beat, my love for you grows,
Like a river that endlessly flows.

Your smile, a sunbeam that lights up my day,
Guiding me through life, come what may.
Your touch, a gentle breeze upon my skin,
Igniting a fire, deep from within.

In your eyes, I find a universe untold,
A love story that will never grow old.
Together we dance, in a timeless embrace,
Two souls intertwined, bound by grace.

In every moment, I cherish your presence,
Your love, a gift of pure essence.
Forever and always, our hearts shall be,
In this beautiful love, just you and me.

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8 JAN AT 1:45

है एक युद्ध, विशुद्ध,खुद के विरुद्ध;
जग माया से कब का हूं मुक्त ।
मूंदी क्या मैंने आंखें कुछ पल;
क्या से क्या और क्यों हो गया;
मेरे अंदर सो रहा था जो;
राक्षस ये प्रबल कब हो गया!
बस बखानता है कुछ कर न सकेगा;
तू द्वेष मात्र , रत बन न सकेगा!!
सुन! तू निर्बल नही तो निर्झर भी नही,
और ये भी सुन तू निश्चल भी नही!
इसीलिए तू हारेगा(2)
आज नही तो कल हारेगा;
तुम बल अपना सब वारेगा,
पर फिर भी तू ही हारेगा!
क्योंकि मैं ही बैरी हूं खुद का ;
और मैं ही खुद का संघित हूं..
शत्त कोटि कटु करलम है तू;
में गंगा सा शीतल चित हूं

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1 JAN AT 7:23

यह साल ऐसे कैसे चला जा रहा है,
सुन ! जरा पीछे मुड़ के देख,
तू अपने साथ क्या-क्या ले जा रहा है।
मेरे चेहरे से मेरी हंसी ले जा रहा है,
तूने मुझे क्या से क्या कर दिया,
और तोहफे के नाम पर बस यादें दे जा रहा है!??
तुझे यह यादें खूबसूरत लगती है?
तुझे लगता है मुझे मालूम नहीं,
अगले साल इन्हीं यादों से मेरे आंसू लाने के साजिश है तेरी,
अगर किस्मत से जी जाऊं तो फिर से मारने की नापाक ख्वाहिश है तेरी!!
लोग जब तेरे जाने की खुशी मना रहे होंगे,
मैं आने वाले साल में मेरी खुशियों का अक्स ढूंढ रहा हूंगा।
वैसे उम्मीद तो है नहीं,
मगर अगर उस वक्त कोई ढूंढेगा मुझे, न जाने मैं कहां हूंगा...

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14 DEC 2023 AT 1:26

It's dark again,
Light hours passed,
Back to reality!
Counting stars,
Counting scars!
Smiling at my past
Regretting at my attachments!
Wishing to woosh the past;
From where it all starts!!

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28 NOV 2023 AT 16:42

होगा तुझे गुरुर की तुझे चाहने वाले बहुत से हैं
मगर हमें गुरूर है कि उनमें मुझ जैसा कोई नहीं है!
होंगे तुझे पाने की चाहत रखने वाले बहुत से मगर,
तेरी खुशी के लिए ताउम्र तुझसे दूर चला जाए ऐसा कोई नहीं!
होंगे चांद तारे तोड़ लाने वाले बहुत से मगर,
तेरे इंतजार में अरसों तक चांद को ताकता रह जाए ;
तू मेरा यकीन मान ऐसा कोई नहीं!!

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21 NOV 2023 AT 20:18

तुझसे शिकायत इतनी हैं की किताब लिख दूं,
तुझे मेरे चेहरे के शिकन कैसे ना दिखी;
मैं तेरी हर नाराजगी और उसकी वजह का हिसाब लिख दूं!
तुझे मुझ में एक भी अच्छाई कैसे ना दिखी
मैं तेरी तारीफों पर लफ्ज़ हजार लिख दूं!
हां इसलिए तुझसे शिकायत इतनी है ;
की मैं किताब लिख दो

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21 NOV 2023 AT 19:55

ऐसा था नहीं
जैसा अब मैं बन गया हूं
चलते चलते एक जगह थम गया हूं
लोगों के बीच में फंसा एक झमेला हूं मैं
तुझे लगता है मैं खुश हूं
पर मेरे दिल से पूछ कितना अकेला हूं मैं।।।

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8 NOV 2023 AT 5:57

मुझे औरों की तरह , अपने मतलब पे आना ही नही था!
मैं जिसमे पैदा होना चाहता था , ये वो ज़माना ही नही था।
पर अपने मतलब के लिए मुझे मतलबी बना दिया गया ,
मेरे ख्वाबों को अपने ख्वाबों के नीचे दबा दिया गया।
हमने इसे खुद की आंखों की गलती मान ली थी,
की शायद सपने गलत देखे थे मैने।
पर पूछा जब ख्वाब के कातिलों से मैने.......
क्या खूब मुझे एकतरफा जवाब दिया गया।।।।।

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