तलब जन्नत की है पर मालिक का ख्याल नहीं
इश्क़ मोहम्मद से है उनकी बातों का जवाज़ नहीं
सब्र अब्रابرकी मानिंद सा हुआ पड़ा है ऐ साक़ी
बता किस तरह मजमुआ करूं नेक बखितीयों का
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Na rahi koi wafa ki talashi
Ek Ishq e laa,na tamaam,
Bezaar hui sb ... read more
फक़त कोई दास्तां तो नहीं कि तेरी चाहत ने होने ना दिया किसी का,
वो जो हो गया यहां का, कहां फिक्र रही हश्र की...
ऐ सनम हम तो तेरी ईशक़ हक़िक़ी बहर के मांगते हैं,
मांगते हैं लातमाम सिवाए तेरे, इस लिए भी तड़प के मांगते हैं...!!!-
तिनका तिनका बिखेरा जा रहा हमें हमारे वतन में
फिर बेचैन हुई हमारी रूहें हमारे ही वतन में
ये वतन हमारा भी है , कब समझोगे कम अक़लौं
हमारे प्यारों का ख़ुन युं ना बहाओ किसी बेहकावे में
_Ghazal🎼
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हुआ यूं की उसकी हदों से तजावुज़ कर गए ,
गुनाह की राहों पर चलते चलते रब से ही मिल गए
मैंने कहा दो जहां तबाह कर दिया है मैंने,
उसने कहा क्या मेरी रहमतों से मायूस हो गए
निगाहें मिलाने की हिम्मत कहां से लाऊं खुदाया,
उसने कहा लौट आ मैं तेरा रेहमान हुं ये क्यों भुल गए
_Ghazal✍️
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तेरी इस बात पर अश अश कर गयी दीवानी तेरी
रोज़ ए मेहशर हंसकर मिलने का वादा किया है तूने-
कितना मुश्किल है खु़द को खु़द से दूर करना,
जलते सेहरा में कोई क़तरा तलाश करना...
बिखर कर सिमट जाते हैं ये वजुद ए फ़ानी,
अजब है क़फ़स में फंसे अरवाह की कहानी...
_Ghazal
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Tu pooch khud se kya maqbool hai tere amal ki gawahi
Tu Saheb e Imaan hai ya koi bhatka hua rahi..!!!-
Tu rakh qadam unhin bekhtar,
tera rehnuman zulljalal hai
Na mita tha na mitega Islaam,
Jabtak dill me zindah ye Emaan hai
☝️☝️☝️
_GhaZal🎼-
Mayasar na ho Sukoon e dill jahan me,
Apne amal ko palat kar dekha kar
Aage hi aag samete hain apne daman me,
Apne ashqon ko Pani banakar dekha kar
Bhale bhool jao use zamane ki gaflat me,
Phir wo tujhe khilata hai,Apne newale ko dekha kar
Muntazir hai wo her bar teri aamad ka
Ek bar hi sahi usko pookar ke dekha kar
_Ghazal ✨
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ज़िंदगी मेरी आगे और मौत मेरे साथ है,
नफ्स की रग़बत ज़िंदगी,मौत मेरी निजात है
हसरतों में मुक़िद ज़िंदगी और रब मेेरे साथ है,
ज़िंदगी की रग़बत आसाईशें,दरवेशी मेरी परवाज़ है
_GhaZal🎼
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