एहसास करा देती है रूह, जिनकी बातें नहीं होती...
इश्क वो भी करते है जिनकी, मुलाकाते नहीं होती..!!!-
सुनो_
स्वाद मेरे इश्क का तुमने चखा नहीं है ,
थोड़ा सा कड़वा है पर बेवफा नहीं है !-
दिमाग खराब हो जाता है जब किसी अपने को चाहकर भी बात नही कर सकते,,,,
किस तरह के रिश्ते मिले हैं-
दिल के साफ लोग... अच्छे सबको लगते है,,,
मगर उन्हें.... "अपनाता" कोई भी नहीं है !!-
मै रिवायत से थोड़ा पुराना लड़का हूं,
इस दौर की जुलैखाओ को पसंद नहीं आऊंगा।-
मैं किसी स्त्री से दोस्ती करूं या प्रेम करूं फिर मुझे यह बर्दाश्त नहीं होता कि उनके जीवन में कोई और भी करीबी इंसान है,भले उनकी मंशायें गलत न हों मगर उनकी किसी से थोड़ी भी बढ़ती नजदीकियां मुझे विचलित कर देती है इसलिए मैं ऐसे रिश्ते नही बनाता और तटस्थ जीवन जीने में विश्वास रखता हूं
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हिचकियां बहुत आ रही है
आज शायद उसने
“जान मेरी जानेमन बचपन का प्यार मेरा भूल नही जाना रे” गीत सुना है-
ऐ ज़िन्दगी चल बैठ कहीं कॉफी पीते हैं,
तू भी थक गई होगी उसको बोलते बोलते-
इन दिलों की ना सुनो, ये फकीर बना देगा
ये जो फकीर बैठे हैं ना नवाब थे कभी।-
तुम्हारी नजरों का झुका रहना ही बेहतर है यदि कोई स्त्री उनके उठने पर जरा भी असहज महसुस करती है तो
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