मजबूरियाँ और मसले ही रहे यार
जिंदगी भर दरमियाँ हमारे,
अब तुम से मोहब्बत जताने को
कुछ दिन किसी से उधार मांगेंगे!!-
Mere sath bale sab chle gye...
17 dec special day
Sacchayi hames... read more
डिग्रीयों की आरजू में उलझे रह गये हम ,
हमारी महबूबा को डिप्लोमा वाले से इश्क हो गया!-
हालात ए नाज़ुक पर इतरा गए तुम भी
तुमसे तो उम्मीद थी अंशु पूछोगे मेरे !!!-
हमे दुःख है दुःख ना होने का ,
अफ़सोस तूने मेरे ज़ख्मों को सराहा नहीं!-
अब इस बात पर क्या बैठ कर रोऊँ
की ऑनलाइन बहुत कम आता है !
कई I'd है उसकी insta पर ,
क्या पता किस से किसका दिल बहलाता है!!-
मेरा नसीब और ये हाल दोनों संवार दे,
इक बार मुझे अपना कह कर पुकार दे।-
तुम्हारे कानो में जो बालियां है चमकती बहुत हैं
मेरे बाद पहनने में मज़ा आए तो आइने को बताना-
नहीं लिख ने अब कलम से कागज़ पर खत,
ऐ जहेन, दिल की धड़कन, वे चैन कलम मैंने तुम सब को कूड़े दान में देखा हैं।।-
मेरे पास जख्मों का गहरा दर्रिया नहीं,
तेरे शहर को मोड़ता मैं।
कमबख्त सहारा ही आसुओं का मिला,
ख़ुद का ही दामन भिगो रहे हैं।
मेरी साजिश नही तुझे बदनाम करने की
ये कमज़ोरी है कि मेरे आसू निकल रहे हैं।।
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