सोचती हूँ इस दुनियाँ से दूरी बना लू
ख्वाबों की दुनियाँ में अपनी एक नयी
जहां बसा लू,
जहाँ लोग मेरे पसंद के हो, किरदार मेरे
पसंद के हो,
दिल के जज्बातों के साथ कोई खिलवाड़
ना हो,
दिलवालों की महफ़िल में कोई तन्हा
और कोई उदास ना हो ||-
मैं और मेरी तन्हाइयाँ अधूरी है
मेरे ख्यालों में तेरे यादों की तस्वीर के बगैर ||-
इन तन्हाइयों के अफसानें भी बडे़ दिलचस्प है,
इस तन्हाई ने तन्हाई में तन्हा मेरा साथ दिया है ||-
तुम्हारी ब्राउन आंखों के इशारे
होले होले से पिघलता तेरा मिठा एहसास
और उसमें ड्राइफ्रूट का तडका है ये
बनारस की शाम ||-
When someone says:- इतना show off
क्यों करती है😏
Me:- मैं भी ढोंगी तु भी ढोंगी
आओ चलो मिलकर ढोंग करते है... 😜😂-
मुझसे मेरे मोहब्बत की शिद्दत पूछते हो,
जलती है जिस आग में रुह मेरी
क्या उस तपिश को तुम भी महसूस करते हो ||-
तिनका-तिनका समेट कर खुद को
संवर रही जिंदगी,
बिखरे थे जो कभी शाख की पतों की तरह
उगते सूरज की तरह निखर रही जिंदगी!!-
मेरे मेहर-ओ-माह भी रुसवाईयाँ है
मेरे हसरत-ए-परवाज़ के
उनका असीरान-ए-सितम तो देखो,
कफ़स की बेड़ियों से छली हो रही ख्वाहिशें मेरी
मैं तो आजाद पंछी हूँ खुले आसमान की,
मुझे ये सोने का पिंजरा कुबूल नहीं ||-