पुरूष
कई मन्नतों और दुआओं की
पैदाइश होते हैं ये पुरूष...
इनके होने के बाद एक माँ अपने बेटे की
सलामती के खातिर जीउतिया, हरछठ करती हैं॥
बहनें अपने भाई के लिए रक्षाबंधन, भाईदूज
उन्हें हर परेशानियों से सुरक्षित रखने के लिए करती हैं ॥
इतना ही नहीं
शादी के बाद पत्नी अपने पति के लम्बी उम्र के लिए
करवा चौथ, तीज, वटवृक्ष की पूजा करती हैं॥
इन्हें जीवित रहने के लिए चाहिए
चूड़ी, मंगलसूत्र, बिंदी, बिछिया ,पायल
जैसे कवच कुण्डल भी...
ये यहीं खत्म नहीं होता
जब बहू पैर छूती है तो उसे आशीर्वाद में
तुम खुश रहो की बजाय
"सदा सुहागन रहो" या "दूधो नहाओ पूतो फलो"
का आशीर्वाद दिया जाता है॥
सदा सुहागन रहो बोल कर वो अपने ही बेटे की
लम्बी उम्र की कामना करते हैं॥
शायद बडे़ नाजुक होते हैं पुरुष
तभी तो इन्हें जीवित रहने के लिए
इन सब चीजों की आवश्यकता पड़ती है॥
एक औरत
वो किसी की दुआओं और मन्नतों का फल नहीं होती हैं
एक शक्ति की तरह वो जन्म लेती हैं
और विपदाओं को पार कर जी कर भी दिखाती हैं॥
@juhishyam
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