“ईश्क़ की आँधी से गुजरे है
कोई बाँध दे कसके हमको
इधर उधर पड़े
बिखरे सभी पुर्जे हमारे है
मालूम है हमको भी
तुम भी गुजरे हो यहीं से
बस ज़ुबाँ मेरी है
और जज्बात तुम्हारे है”-
खुदका वजूद पूछता हूं
है नही इंसान इस जहां में
क्या मैं हूं यही खुदसे पू... read more
"कहा तुमसे यूँ खास कुछ नही
बस इक बात जो दिल में थी कह दी
तुमको उतनी नही है जितनी मुझको है
बात यही तुमसे सरेआम कह दी
मोहब्बत निभती है दोनों तरफ से
समझो इसे तो राज की बात कह दी
तुम तो ऐसे खफा हो मुझसे जैसे
मैंने कोई दस्तूर-ऐ-वफ़ा की बात कह दी
क्या हुआ अगर, सोचके बहुत
बात पते की जो मैंने खुलेआम कह दी"-
"चैन ओ सुकूँ सब तो था
दास्तां लम्हों की फिजूल में तकलीफ में गुजरी
मैं ही गलत हूं ये आखिरी तजुर्बा रहा
और सब गलत है, जिंदगी इसी वहम में गुजरी
पहले से लिखा है सब इसपे कैसे यकीन हो
कोशिशें मेरी सब-भर किसी जुगाड़ में गुजरी
रहेंगी सलामत या होंगी खाक ख्वाइशें मेरी
दुआ किसी की कर दे मुकम्मल इन्हें, जिंदगी यूं उसी की फिराक में गुजरी"-
"तुम्हारे शहर में आए तो
जहन में दुबके पड़े कहीं तुम तबियत से याद आए
जिन गलियों से गुजरना हुआ
सभी में कभी बहुत गुनगुनाये तराने याद आए
ओझल हो चुके थे जो यादों से
न जाने क्यों वो लम्हें सभी रह-रहके याद आए
एक खयाल जो चुभ रहा था कहीं
क्या किसी को इस शहर में कभी हम याद आए
क्यों वक्त के साथ गुजर गया किस्सा मोहब्बत का
महज झुठलाया था हमने, यूँ अक्सर तुम बहुत याद आए"-
"देखती हूं उसे सब-भर मैं
इशारा पर कोई वो नही करता
रहता है मेरी नजरों के सामने
पल-भर भी वो किनारा नही करता
ये मोहब्बत की पहली सीढ़ी है
चढ़ने को है आम्दा पर पहल कोई नही करता
नजरें सब-भर बिखेरती है जादू
हुआ है किसपे असर खुलासा कोई नही करता
यूं है वो दूर का सितारा अभी तलक
मुझे बेचैनी है कि रोशन मुझको क्यों नही करता"-
"ईश्क के दुश्मनों न जब-भी
जुदा आशिकों को कराया है
दरमियान इसके हुई दूरियों ने ही
बेइंतहा मुहब्बत का अहसास कराया है"-
"रहे साफ-साफ रिश्ता हमारा
इसके लिए नीयत की जरूरत है
धूप में निकलो तुम या छांव में निकलो
सफर करना है तो तबीयत की जरूरत है
सूरत का कैसा भी होना कुछ खास नही
रहो खास तुम तो सीरत की जरूरत है
जो समझना है अच्छे-से दिली जज्बातों को
इसके लिए बस एक दिल की जरूरत है"-
"चंदा तेरा रूप
इतना न्यारा क्यों है
हो महबूबा किसी की भी
तू सबका दुलारा क्यों है
है जलन मुझको भी तुझसे
आखिर तू इतना प्यारा क्यों है"
-
"जब भी अखरती है तेरी गैरमौजूदगी
होके मायूस मैं अपने जज्बात लिखता हूं
अब भले ही तुम इसे कोई शायरी कहो
मैं बस उठाके कलम दिली बात लिखता हूं"-
"होंगे सपने भी पूरे
गर तुम शिद्दत से ईश्क़ इनसे करो
है जरूरत तो दवा मैं बता दूं
करो खुदसे ईश्क़ तुम औरों से परहेज करो😊-