मेरी मौत पे भी क्या खूब डरामें होंगे ,नफरत करने
वाले भी मुझेसे प्यार करने लगेंगे.
हां मेरे अपने थोड़े आसूं बहाएंगे ,कुछ दिन बाद वो मेरा नाम भूल जाऐंगे... 💔🥀
Utsav gupta-
खेल लो आज होली तुम रगों से
कल तो तुम्हें भी अपने रगं बदलने हैं
और दिलों से खेलना है ...-
किसी शहर में जब नया तुझे कोई यार मिलेंगे
हम उस जगह पर हर बार मिलेंगे
समेटने को तुझे अपने वक्त की अज़ीयत में
हम खुद बिखरे हुए ज़ार ज़ार मिलेंगे
तुझे पा कर बहुत करीब से खोया है हमनें
फिर मिलेंगे और हां सितारों के पार मिलेंगे ..🥀💔
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फिर नया साल नयी सुबह नयी उम्मीदें हे खुदा खैर की खबरों के उजाले रखना..
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जो आपका है, वो बिजी नहीं हो सकता
और जो बिजी है वो, आपका नहीं हो सकता
(Atharav Golas)-
मौत सबको आती है..
मगर जीना सबको नहीं आता ...
Utsav Kumar Gupta
Guru Bhai..-
लिबास से तय मत करो तुम मेरी हैसियत
अभी कफन ओढ़ लूँ तो कंधे पर उठाए फिरोगे.-
( उम्मीद )
साढ़े तीन अक्षर है इसमें.
लेकिन शब्द बहुत बडा़ है.
सारी दुनिया कायम है इसमें..
(Utsav Kumar Gupta)-
कल भी मुसाफिर था,
आज भी मुसाफिर हूँ,
कल अपनों की तलाश में था ,
आज अपनी तलाश में हूँ.
Utsav Kumar Gupta-
तुझे खोने के डर से तुझे पाया ही नहीं जिंदगी भर तड़पता रहा तुझे बताया ही नहीं मजाक का सहारा लेकर लोग दिल की बात बोल देते हैं कहते हैं जिंदगी में एक बार प्यार जरूर होता है लेकिन यह बात भी सच है
जिससे होता है वह कभी नहीं मिलता अक्सर पूछते हैं लोग मुझसे बिछड़ने की वजह मैं खुद की कमी पता बताकर तेरी इज्जत बढ़ा देता हूं.
Utsav Kumar Gupta ...-