कहते हैं लोग कि लड़कीयो को घर में ही रहना चाहिये
बाहर का सामाज उनके लिए अच्छा नहीं हैं
उन्हे कम ही पढ़ाना लिखाना चाहिये नहीं तो वे हाथ से निकल जाएंगी ।
Self dependent लड़कीया अपना फैसला खुद ही करती हैं वे किसी की गुलामी नहीं करती वे ये नहीं सोंचती कि मैं और काहाॅ जाऊंगी वे नहीं सहती किसी के द्वारा खुद को और अपनी माँ, बहन को दीया गया किसी भी प्रकार का गाली ।
एक self dependent लड़की का कोई शोषण नहीं कर सकता .....
किसी अजनबी के द्वारा शोषित,पीड़ीत, शारीरिक और मानसिक लड़कीयो को तो सभी ने देखा है कुछ ने उस दर्द को महसूस भी किया होगा लेकिन उनका दर्द, पीड़ा किसी को नहीं दीख पाता जिनका शोषण शारीरिक और मानसिक किसी अपनें के द्वारा ही किया जाता है कही कोई मामा,फूफा, चाचा,दोस्त, पिता, और भाई ये ऐसे लोग हैं जिनसे कुछ ग़लत का कोई सोच भी नहीं सकता ......
जैसे दलितों ने अम्बेडकर को ही अपना सबकुछ मान लिया है उसी प्रकार अब स्त्री को भी इन पुरुषों से अलग एक संविधान का निर्माण कर लेना चाहिए .......🤐
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