John Robinson   (John Robinson India©️)
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Joined 28 May 2017


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Joined 28 May 2017
4 JUL AT 11:16

Some crimes serve as a form of justice,
And some criminals may themselves
Bring about that justice. #Jonrob

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23 JUN AT 14:27

Rejection and disrespect are part of life, but staying in the same situation is merely a step towards success. People may laugh and mock you now, but eventually, when you succeed, they will bow before you. Only the warrior wins the war; the monarchical dynasty eventually falls to another. #JonRob

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20 JUN AT 1:08

दिन के उजाले कब किसके मोहताज रहे हैं
ये रात ही है जो दर्द अकेलेपन को
महसूस महसूस करवाती हैं
जब अकेले बैठे हो तो
अपने को भी पड़ लिया करो।
#जानिब

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16 JUN AT 1:09

कभी चलते थे सिक्के जिनके नाम के बाज़ार में
आज कोई दो कौड़ी भी नहीं दे रहा है उनके नाम पे

कभी जिनकी दुकान चलती थी सिर्फ़ मसख़री पर
आज बाज़ार ख़ाली हो जाता है उनके आने के नाम पे
#जानिब

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7 JUN AT 14:09


जो आपको छोड़ गया वो आपका था ही नहीं
उसको मुड़ कर पीछे मत देखिये,
उठना बैठना किसी के भी साथ हो,
लेकिन उछलना खुद के दम पर ही चाहिए..

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7 JUN AT 14:07

The less competent should not
Judge the more competent.

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27 MAY AT 1:05

हर दामन में है कुछ ना कुछ दाग
कुछ लोगो के फेके हुए हैं
या कुछ उनके ख़ुद के उड़ाये हुए हैं
निगाहे कब मानी है अपना कसूर ये जानिब
ये तो कुदरत के आज़माये हुए नुस्ख़े है
जानिब

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19 MAY AT 23:50

कमाई की परिभाषा सिर्फ़ धन से ही तय नहीं होती
तजुर्बा, रिश्ते, प्रेम सम्मान, बदनामी कुकर्म
दूसरो को देख कूड़ना ये सब के सब कमाई के ही रूप है

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19 MAY AT 0:53

मैं एक किरदार हूँ
जो पैसा नहीं रोटी खाता हूँ
मैं अपने इलाही बाप का बेटा हूँ
जिसको उसने तमाम
बरकतों का वसीयत दी है
मुझे क्या ख़रीदोगे
मैं तो खादिम हूँ
मालिक नहीं
बेचना खरीदना सिर्फ़
चोर या सौदागर का काम है
मैं मुतमईन हूँ ख़ुद से
जाओ कोई और
दरवाज़ा खटखटाओ
मुझे क्या ख़रीदेगा तेरा पैसा
जानिब

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19 MAY AT 0:50

मैं सुबको अच्छा कैसे लग सकता हूँ
जबकी मेरी अपनी एक सोच है
मुझे बंधुआ बनाने वाला मूर्ख है
क्युकी यक्ति बंधुआ हो सकता है
विचार कभी नही
जानिब

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