राजमहल थर्रा उठते है…
बस इतनी सी बात पर
जब शिखर के पत्थरों को अंधेरी खोह से
निकलकर नींव के पत्थरों ने कहा बहुत हुआ
अब हम शिखर चढ़ेंगे और आओ
अब तुम इसका भार सम्भालो
झण और क्षणिक में बहुत अंतर है
#जानिब-
आप मेरी इज़्ज़त करें तो
मैं आपको बदले में इज़्ज़त ही दूँगा
अगर आप मुझे नज़रअंदाज़ करना चाहते हैं
तो करे लेकिन ये आपका दुर्भाग्य ही होगा
समय का क्या ये तो अपने रंग दिखाएगा ही
लेकिन साथ चलने का मज़ा भी तो कुछ लीजिये
जानिब-
Honor me, and I will acknowledge you in return;
overlook me, and face the consequences. Life is constantly changing,
So let's embrace the journey ahead.
Enjoy the moments and take a breath
There's much to look forward to!
#JonRob-
इंसान की जात की पहचान उसके
कर्म और आचरण ही होती हैं
इसलिए "औक़ात और इज़्ज़त"
कुत्तो को तो हज़म हो जाती है लेकिन
दलालो, भिखमंगों और राँडो
को कभी रास नहीं आता है
परम् अज्ञानी जानिब-
Life is a journey, filled with
Valuable experiences
Intertwined with simple joys.
Wealth often seems complex,
But generosity in giving and
Appreciation in receiving are key.
Our choices shape life's rewards,
Inspiring us to create our own legacy.
#JonRob-
ज़िन्दगी की दोड़ तब तक अधूरी है
जब तक महँगे से बहुत महँगा भी
सस्ते से सस्ता ना लगने लगे,
पैसा भी अजीब है
जब देना हो तो दान के जैसा दो
और लेना हो तो लगान लेने के जैसा हो
ज़िन्दगी किसी दो की अय्याशी का सिला है
तो फिर वंश तो ख़ुद बनाना ही था।
#जानिब-
उसूल कारोबार बंद करा सकते है
लेकिन कारोबार को जलाते नहीं है
आज के जो हालात है
उसको Massacre
(सामूहिक हत्या काण्ड) कहते हैं
#जानिब (एक अनुभव)-
वह वकील ही क्या जो अपने मुवक्किल (Clint) को मुकदमों से आज़ाद करा दे
अरे भई ये भी कोई बात हुई एक पर दो तो बनिया भी दे देता है
#जानिब-
Actions that may seem criminal can often arise from a genuine pursuit of justice, and individuals labeled as
Criminals can become powerful catalysts for positive change.-
मुट्ठी भर जुगनुओं ने आज शराब क्या पी ली,
अब ये कम्बख़्त सूरज को गालियाँ देंने लगे
ख़ुद का कोई वजूद नहीं
फिर भी दूसरो में ख़मिया ढूँढते है
कम्बख़्त यही एक फ़लसफ़ा ऐसा है
जो आज तक समझ में आया ना मुझे
#जानिब-