हर पादरी बिशप अभिषिक्त नहीं होता है और
हर अभिषिक्त एक पादरी या बिशप हो ये भी जरूरी नही
इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए।-
धर्म के साथ राजनीति बहुत खतरनाक हो जाती है
शिक्षा का कम से कम इतना प्रभाव तो होना चाहिए कि
धार्मिक विषयों में हम मूर्खों को अपना प्रधान न समझें।
आपका व्यवहार ही आपको मर्द बनाता है
बाकी मूंछें तो चूहे और बिल्ली की भी होती हैं।
अज्ञानी जानिब
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चीज़ें ठीक हो जाती हैं, वक्त भी बदल जाता है
लेकिन हम पहले जैसे नहीं रहते...
-जानिब-
दोस्ती अगर निभाव तो ऐसी की लोगो में
सुगबुहाट हो जाए जैसी क़ातिल
मिला हो कोतवाल से
और अगर दुश्मनी हो जाए तो
एक ख्याब के जैसे भूल जाओ
जानिब-
मेरी जीत और हार
आपके फैसले की मोहताज नहीं
हम खुद ही मुंह फेर लेते है
जहां उसूलो की लाज़ नहीं-
बड़ी उलझनों में है कश्तियां सारी रहना भी समंदर में है
और लड़ना भी समंदर से हैं
मैं भी मुसाफिर हूं तेरी कस्ती का ए ज़िंदगी
तू जहां मुझ से कहेगी मैं वहीं उतर जाऊंगा-
तुम इतने अमीर नहीं हो आजतक कि,
अपना पुराना वक्त खरीद सको।
और मैं इतना भी ग़रीब नहीं हूँ
कि तुम मेरा सुकून ऐ चैन ख़रीद सको
मैं उसका खाविंद हूँ जो लश्करों का है ख़ुदावंद।
आखों में गर्मी ज़ुबा पर नर्मी बस इतना ही काफ़ी हैं
सज़दे में सब जायज़ हैं मकरूह की इबादत के सिवा
#जानिब-
जिसको तैरना नहीं आता था
वह किनारे पर रह गया
जो तैरना नहीं चाहता था
उसने पुल बांधा है।
जानिब-
खामोशी तानाशाही को ताकतवर बनाती है
और विरोध करने वाले कई बार
गद्दार या बुज़दिल भी कहलाते है
अज्ञानी जानिब-
परखोगे तो बहुत बुरा हूँ मैं
मुझे समझोगे तो …
मेरे जैसा मिलेगा नहीं !!
अज्ञानी-