अज्ञात से सवाल का अज्ञात सा जवाब है, अज्ञात सी मेरी नींद में अज्ञात सा इक ख़्वाब है, अज्ञात से महासागर में अज्ञात सा ही आब है, मेरी हैसियत कुछ भी नहीं कोई अज्ञात ही लाजवाब है...!!! — % &
हमेशा देर कर देता हूँ मैं ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा'दा निभाना हो उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं मदद करनी हो उस की यार की ढारस बंधाना हो बहुत देरीना रस्तों पर किसी से मिलने जाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं बदलते मौसमों की सैर में दिल को लगाना हो किसी को याद रखना हो किसी को भूल जाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं किसी को मौत से पहले किसी ग़म से बचाना हो हक़ीक़त और थी कुछ उस को जा के ये बताना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं.....