दोस्त क्या ख़ूब वफ़ाओं का सिला देते हैं
हर नए मोड़ पे इक ज़ख़्म नया देते हैं
कौन होता है मुसीबत में किसी का ऐ दोस्त
आग लगती है तो पत्ते भी हवा देते हैं
जिन पे होता है बहुत दिल को भरोसा
वक़्त पड़ने पे वही लोग दग़ा देते हैं-
ग़रीबी अमीरी है क़िस्मत का सौदा
मिलो आदमी की तरह आदमी से