जनाब हम दिल टूटे आशिक है अब किसी पापा की परी के प्यार में झुकेंगे नहीं ये शायराना अंदाज़ अब जान है हमारी अब चाहे टूट जाये सांसों की डोर हमारी लेकिन हम शायरी करने से रूकेंगे नहीं
हम गए तुम्हारी दिल के जहान में लेकिन तुम्हारे दिल में हमारा मकान ना मिला हमने जिसे चाहा था वो इंसान ना मिला मिला हमें शिला दिल लगाने का गम-ए-बेवफाई और गैरों की दहलीज पर तेरे क़दमों का निशान मिला