✍️jiwan thakur.   (jiwan)
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Joined 8 October 2019


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Joined 8 October 2019
3 OCT 2022 AT 18:19

इतने नज़दीक आकर भी, तुम
मेरे साथ दिल से क्यों इतने दूर हो...
सभी के शौक हैं अपने जीने के
इस तरह फिर तुम क्यों मजबूर हो...
जीवन,बात आए जब मोहब्ब़त की
टूटकर बिखरे कोई ऐसा ना कुसूर हो...
@jiwan *✍️

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3 OCT 2022 AT 14:18


सुख, समृद्धि, कर्म का
वरदान देने वाली माँ दुर्गा...
परिस्थिति वश नौ रूप
धारण करने वाली माँ दुर्गा...
आदिशक्ति, प्रधान प्रकृति,
जीवन रत्न है माँ दुर्गा...
बुद्धि जननी,विकार हरणी,
ब्रह्मयोग माया है माँ दुर्गा...
@jiwan *✍️

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8 AUG 2022 AT 12:50

अटूट बंधन है़ं ये, कच्चे धागे से रिश्ते !
गंगा की तरह निर्मल स्नेह और विश्वास के !
कभी न टूटे ऐसा है ये बहन भाई का प्यार !
चंदन का टीका रेशम की डोरी राखी का त्योहार !

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26 JUN 2022 AT 14:44

मेरे चेहरे की ये रौनक हकीकत में, तुम्हारे आने की जो खबर है...
बारिश भी होगी कहीं, तुम ही मेरी पहली तुम्हीं आखिरी चाहत है...

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28 MAY 2022 AT 13:49

मुझे यकीन था, हमेशा के लिए ज़िन्दगी से तुम भुला दोगे मुझे !
खुशी है इस बात की, तुमने याद करके झूठा साबित कर दिया मुझे !

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25 MAY 2022 AT 14:44

मेंहदी से हाथों पर लिखा है नाम, इसे कबतक न दिखाओगे !
मगर चेहरे पर है जो नूर मोहब्ब़त का, तुम इसे कैसे छुपाओगे !

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23 MAY 2022 AT 15:12

गर तुम भी किसी की मोहब्ब़त में, दिल से ज़ेर-ए-आब होते !
तुम्हें पता चलता दीवानगी में ख्वाहिशों के कत्ल कैसे होते हैं !

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21 MAY 2022 AT 15:39

कमबख़्त कुछ तो है, दिल को जिसने बेहाल कर रखा है !
बेपर्दा हो गये जमाने के सामने, ये इश्क़ नहीं तो और क्या है !

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18 MAY 2022 AT 13:51

मोहब्ब़त के रास्ते पर तुम्हारे साथ हम क्या चले !
छलकती आँखें देखकर भी, उनको तुम पढ़ न सके !
हमेशा खुशफहमी यही रही कि तुम मेरे अपने हो !
मगर अपने होकर भी तुम अपने कभी बन न सके !
जीवन, जमाने का दस्तूर हमें यही समझ आया !
मोहब्ब़त के कैनवास पर मनचाहे रंग उतर न सके !

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17 MAY 2022 AT 16:03

बेदम होकर रह गई कलम मेरी तुम्हारे इस अंदाज पर !
मुझे जब़ाब ही नहीं सूझा, तुम्हारी आँखों के सवाल पर !

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