आप ही के बिना क्यूँ हूँ बेचैन,
आप ही क्यूँ मेरी जरूरत हैं,
वहम इतना हसीन नहीं होता,
वाकई आप खूबसूरत हैं..✍️-
बीत गया साल - २
अब जाने वाला दिसम्बर है,
दो चीज़ें बख़ूबी याद है मुझे,
एक तेरा चेहरा एक तेरा नम्बर है..🖋️-
मैकदे में जाम छलकालो,
आओ, किसी एक शाम आ जाओ !!
गमों से कब तलक, परेशां रहोगे,
लगाने दर्द-ए-दिल पर, जाम आ जाओ !!
शिद्दत से की होगी, तुमने मोहब्बत,
करके मैखाने को, उसी के नाम आ जाओ !!
तोड़ गयी है दिल तुम्हारा, जाने दो,
टूटे दिल का लेने, इंतकाम आ जाओ,
कब तलक दिल में, रखोगे मुहब्बत,
बेवफा इश्क़ पे लगाने, इल्ज़ाम आ जाओ !!
मयखाना कब तक, सूना रखोगे,
अधूरे इश्क़ को देने, अंजाम आ जाओ !!
मैकदे में ज़ाम छलकालो,
आओ किसी एक शाम आ जाओ..!!-
तेरी परछाई मेरे घर से नहीं जाती है,
तू कहीं हो मेरे अंदर से नहीं जाती है..✍️-
मैंने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
एक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए..✍️-
कि लहू के थे जो रिश्ते वहीं छोड़ कर आ गए..
सुकून आँखों के सामने था मुँह मोड़ के आ गए..
और खजाने लूट रहे थे मा बाप की छाँव में..
हम कौड़ियों के खातिर घर छोड़ कर आ गए..✍🏻-
ये दुख अलग है कि उससे मैं दूर हो रहा हूँ,
ये गम जुदा है वो खुद मुझे दूर कर रहा है,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूँ मैं ताज़ा गज़लें,
ये तेरा गम है जो मुझको मशहूर कर रहा है..✍️-
बस एक ही दोस्त है दुनिया में अपना,
मगर उससे भी झगड़ा चल रहा है..✍️-
जानता हूँ कि तुझे साथ रखते है कई,
पूछना था कि तेरा ध्यान भी रखता है कोई..✍️-