Jitu Patle   (इंद्रजीत)
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Joined 21 August 2017


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20 OCT 2020 AT 16:30

नफरत और प्यार हम ही तो हैं,
दो धारी तलवार, हम ही तो हैं ।

मौजूदा हालात जिससे गुजर रहे
उसके जिम्मेदार, हम ही तो हैं ।

हमारी नजरों में जो है बेशकीमती,
उसकी नजरो में बेकार हम ही तो हैं।

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18 MAR 2020 AT 10:10

मुजरा


(Read in caption)

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15 MAR 2020 AT 17:38

जिंदगी में यही मसअला बड़ा रहा,
उधर वो अड़े इधर मैं भी अड़ा रहा ।

वैसे तो आंखों में पूरा समंदर था,
सबकी नज़रों में बस घड़ा रहा ।

रिश्ता तो बरसों पहले टूट चुका,
न जाने दरम्यान क्या जुड़ा रहा ।

ग़मों से यारी यारों कुछ ऐसी रही,
उम्रभर खुशियों से झगड़ा रहा ।

कौमें सारी इस दुनिया की हैं मासूम,
कौन इनको इस तरह से लड़ा रहा ?

संसार की सारी समस्याएं सुलझेंगी,
भारी जो इंसानियत का पलड़ा रहा ।

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18 SEP 2019 AT 0:50

इस कदर भी दोस्तों न बहको तुम,
हो गम ए हालात और चहको तुम ।

एक कमरे में बंद हैं सैकड़ों फूल,
उन सभी में ताज़ा महको तुम ।
भविष्य की गलियों में भूत का अंधेरा,
अपने अंतर के तम से दमको तुम ।

लबों से तुम्हारे वो मुस्काये गोया,
आँखों में उसके भी चमको तुम ।

दुनिया मे फैली है गज़ब की रवानी,
हो जवाँ तो जिंदा दिल सा धड़को तुम ।

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4 APR 2019 AT 20:43

उसका दिल और का घर था जितु,
तू महज़ स्वेटर, ड्राइवर था जितु ।

उसे माँगने दुआओं में व्यस्त था जो,
लड़खड़ाता बुदबुदाता अधर था जितु ।

सोचा था उसकी जिंदगी हूँ मैं,
मगर तीसरा नंबर था जितु ।

वो लौट चुका है पुराने आशियाने में,
तपते सफर में बस शजर था जितु ।

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24 FEB 2019 AT 10:34

कुछ रातों की नींद मरी है,
कुछ-कुछ दिन का चैन उड़ा है ।
ऐसा ही कुछ तब हुआ था,
जब कहता था मैं दिल जुड़ा है ।

कुछ उम्मीदें टूट गयी हैं,
कुछ विश्वासों के पूल ढहे हैं,
उसकी आँखों में देखा है मैंने,
आँखों से उसके झूठ बहे हैं ।

कुछ इंसानियत के संग में यारों,
कुछ अरमाँ कुछ दिल टूटे हैं,
कुछ कलमें अब नहीं चलेगी,
कुछ अँसुवन से खत फटे हैं ।
अरे दिल का हाल बयाँ क्या करें,
कुछ ख़्वाब और चराग लुटे हैं ।

जो जन्नत दिखलाई गयी है,
मोमबत्तियां जलाई गई है ।
इक चिंगारी दिलों में सबके,
अब जैसे बुवाई गयी है ।

एक जन्नत का कोना जी,
उन गद्दारों को भी मिले ।
प्यार का खून बहाया जिन्होंने,
धोखा उनको दिल से मिले ।
धोखेबाजों की करनी का चिट्ठा,
सरेबाजार एक दिन खुले ।

आ रहा है ज़रा तरस,
यहाँ हाल हैं कुछ बेबस,
सुना है यह संसार है नश्वर,
कुछ करिश्मा दिखलाओ ईश्वर ।

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15 FEB 2019 AT 9:18

पता चला मुझे ईश्क़ उससे कमाल का है,
जब ज़ालिम दिल तोड़ के जाने लगी ।

मैं आँखों में आँसू भर कर रो भी न पाया,
जिंदगी जब अपनी कहानी सुनाने लगी ।

बीमारी का अहसास तो तब हुआ इंद्रजीत,
बजाय घड़ी के जब दवा वक़्त बताने लगी ।

हर लम्हे को समेटना शुरू जो किया मैंने,
उम्र बेदर्द साँसे आखरी गिनाने लगी ।

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9 FEB 2019 AT 23:39

रूपया मेहनत का

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5 FEB 2019 AT 9:45

कब तक दिल से खेलोगे,
कब तक झूठ बोलोगे ।

एक दिन ऐसा आएगा,
तुम भी नैना धोओगे ।

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1 FEB 2019 AT 23:38

सीखना इस दफा दिल्लगी का करीना,
मुबारक हो दोस्तों मोहब्बत का महीना ।

ये ईश्क़-मुश्क की बातें, कविता गज़लों से,
भर जाए सबकी जिंदगी का सफीना ।

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