नफरत और प्यार हम ही तो हैं,
दो धारी तलवार, हम ही तो हैं ।
मौजूदा हालात जिससे गुजर रहे
उसके जिम्मेदार, हम ही तो हैं ।
हमारी नजरों में जो है बेशकीमती,
उसकी नजरो में बेकार हम ही तो हैं।-
ख्वाहिश यही के हर लब पे खुशी बरकरार रहे । 🙃
हिंदी प्रेमी..... read more
जिंदगी में यही मसअला बड़ा रहा,
उधर वो अड़े इधर मैं भी अड़ा रहा ।
वैसे तो आंखों में पूरा समंदर था,
सबकी नज़रों में बस घड़ा रहा ।
रिश्ता तो बरसों पहले टूट चुका,
न जाने दरम्यान क्या जुड़ा रहा ।
ग़मों से यारी यारों कुछ ऐसी रही,
उम्रभर खुशियों से झगड़ा रहा ।
कौमें सारी इस दुनिया की हैं मासूम,
कौन इनको इस तरह से लड़ा रहा ?
संसार की सारी समस्याएं सुलझेंगी,
भारी जो इंसानियत का पलड़ा रहा ।-
इस कदर भी दोस्तों न बहको तुम,
हो गम ए हालात और चहको तुम ।
एक कमरे में बंद हैं सैकड़ों फूल,
उन सभी में ताज़ा महको तुम ।
भविष्य की गलियों में भूत का अंधेरा,
अपने अंतर के तम से दमको तुम ।
लबों से तुम्हारे वो मुस्काये गोया,
आँखों में उसके भी चमको तुम ।
दुनिया मे फैली है गज़ब की रवानी,
हो जवाँ तो जिंदा दिल सा धड़को तुम ।-
उसका दिल और का घर था जितु,
तू महज़ स्वेटर, ड्राइवर था जितु ।
उसे माँगने दुआओं में व्यस्त था जो,
लड़खड़ाता बुदबुदाता अधर था जितु ।
सोचा था उसकी जिंदगी हूँ मैं,
मगर तीसरा नंबर था जितु ।
वो लौट चुका है पुराने आशियाने में,
तपते सफर में बस शजर था जितु ।-
कुछ रातों की नींद मरी है,
कुछ-कुछ दिन का चैन उड़ा है ।
ऐसा ही कुछ तब हुआ था,
जब कहता था मैं दिल जुड़ा है ।
कुछ उम्मीदें टूट गयी हैं,
कुछ विश्वासों के पूल ढहे हैं,
उसकी आँखों में देखा है मैंने,
आँखों से उसके झूठ बहे हैं ।
कुछ इंसानियत के संग में यारों,
कुछ अरमाँ कुछ दिल टूटे हैं,
कुछ कलमें अब नहीं चलेगी,
कुछ अँसुवन से खत फटे हैं ।
अरे दिल का हाल बयाँ क्या करें,
कुछ ख़्वाब और चराग लुटे हैं ।
जो जन्नत दिखलाई गयी है,
मोमबत्तियां जलाई गई है ।
इक चिंगारी दिलों में सबके,
अब जैसे बुवाई गयी है ।
एक जन्नत का कोना जी,
उन गद्दारों को भी मिले ।
प्यार का खून बहाया जिन्होंने,
धोखा उनको दिल से मिले ।
धोखेबाजों की करनी का चिट्ठा,
सरेबाजार एक दिन खुले ।
आ रहा है ज़रा तरस,
यहाँ हाल हैं कुछ बेबस,
सुना है यह संसार है नश्वर,
कुछ करिश्मा दिखलाओ ईश्वर ।-
पता चला मुझे ईश्क़ उससे कमाल का है,
जब ज़ालिम दिल तोड़ के जाने लगी ।
मैं आँखों में आँसू भर कर रो भी न पाया,
जिंदगी जब अपनी कहानी सुनाने लगी ।
बीमारी का अहसास तो तब हुआ इंद्रजीत,
बजाय घड़ी के जब दवा वक़्त बताने लगी ।
हर लम्हे को समेटना शुरू जो किया मैंने,
उम्र बेदर्द साँसे आखरी गिनाने लगी ।-
कब तक दिल से खेलोगे,
कब तक झूठ बोलोगे ।
एक दिन ऐसा आएगा,
तुम भी नैना धोओगे ।-
सीखना इस दफा दिल्लगी का करीना,
मुबारक हो दोस्तों मोहब्बत का महीना ।
ये ईश्क़-मुश्क की बातें, कविता गज़लों से,
भर जाए सबकी जिंदगी का सफीना ।-