कवि तो नहीं हूँ मैं,
पर कलम मेरी ताकत है।
कारोबार नहीं है ऐ मेरा,
मुझे तो बस लिखने की आदत है।-
मेरे शब्द ही मेरे पहचान है.
बोझ नही भगवान होती है बेटियां
उदास चेहरे की मुस्कान होती है बेटियां
किस्मत वाले वो होते हैं,
जिनके पहली संतान होती है
बेटियां.-
खाकी
ये रंग नही, मेरा सम्मान है
ये खाकी ही मेरी पहचान है
मेरा धर्म है , मेरा कर्म है
मेरा कर्ज है , मेरा फर्ज है
ये रंग नहीं मेरा अभिमान है
ये खाकी ही मेरी पहचान है
मेरा गौरव है मेरा स्वाभिमान है
ना इसमें हिंदू ना इसमें मुसलमान है
मेरे खाकी में बसा पूरा हिंदुस्तान है
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माँ संसार बनाती है
माँ संस्कार बनाती हैं
लम्हा लम्हा जोड़ कर
माँ परिवार बनाती हैं.
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धूप तेरी यादों की , सर्दीयो
मे गर्माहट दे जाती हैं
चाय की चुस्की और तेरी मिठी यादे
होठों पर मुस्कराहट दे जाती है.-
तुम हमेशा रहोगे
मेरे स्मृति में, मेरे ख्वाबों में
मेरे सासों में, मेरे यादों में
सिर्फ मेरे बनकर.-
मै सर्द दिसंबर सा
और
तुम नववर्ष के जनवरी सी।
देखो ना
हम इतने करीब हो के
भी
फासले जैसे जन्मो का ।-
बेटीयाँ खिलौना नहीं होते हैं जी
उन्हें तो बस प्यार से " गुड़िया "
कहते हैं.-
माँ को बयां कर सके,
इतनी मेरी कलम की
औकात नहीं
कैसे और क्या लिखूंगा मैं
अपने मां के लिए क्योंकि
माँ शब्दों की
मोहताज नहीं-