Jitesh Kumar  
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Joined 18 November 2018


Joined 18 November 2018
10 DEC 2022 AT 15:09

वैसे प्यार एक तरफ से ही होता है जनाब /
दो तरफ तो शायद सौदा होता है |

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4 DEC 2022 AT 11:27

तुम्हे भुलाने की दवा, तुम से ही मिल जाती तो अच्छा होता/
मुझे जहर के सिवाए कुछ याद नहीं शायद।

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14 JUL 2019 AT 23:42

क्या बोले, क्या सोचे,और क्या समझे
जब सब सोच कर ही समझना हैं ।

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14 JUL 2019 AT 14:27

हाँ साहब मैं नासमझ हूँ,
हाँ साहब मुझमें कम अक्ल हैं,
हाँ साहब मैं नादां हूँ,
मुझे शायद न पता था,
सांसो से ज्यादा यहाँ समझदारी की जरूरत होती हैं।

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24 JAN 2019 AT 1:11

उस रोज बैठे सोच रहा था कि
पहले चुबन हुई
फिर गलन हुई
फिर सड़न सी
सोचा कि क्या करुँ
फिर किसी रहनुमा से मुलाक़ात हुई
अब ठीक हूँ ।
फिर सोचा कि हाँ यार
कभी कभी चाँद भी तो
लाल- पीला होता हैं।

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19 NOV 2018 AT 11:43

मंजिल की चाह वो रखते हैं
जिन्हें रस्ते का मजा लेना नहीं आता

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19 NOV 2018 AT 11:26

असुविधा के लिये खेद है

उन्होंने कहा वो आये
प्रचार प्रचार प्रचार
हमनें कहां रुको
मत करो ये अत्याचार
यहाँ मच रहा हाहाकार
सुनो मेरी ये पुकार
देखा करो दैनिक समाचार 
अच्छा अब नमस्कार नमस्कार!

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19 NOV 2018 AT 10:49

मेहनत करनें वालो को जानकर
उनके बहीखाते को समझकर
उनके चक्षुओं को सुनकर
उनके मेहनतकश रवैये को समझकर
अब मेहनत नहीं होती

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18 NOV 2018 AT 14:12

रोज तुम्हें पाता हूँ /
रोज तुम्हें खोता हूँ
पाता हूँ तो बोज़िल सा लगता हैं /
खोता हूँ तो खाली सा
समझ नहीं आता /
तुम खोने की चीज हो या पाने की।

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