वैसे प्यार एक तरफ से ही होता है जनाब /
दो तरफ तो शायद सौदा होता है |-
तुम्हे भुलाने की दवा, तुम से ही मिल जाती तो अच्छा होता/
मुझे जहर के सिवाए कुछ याद नहीं शायद।-
हाँ साहब मैं नासमझ हूँ,
हाँ साहब मुझमें कम अक्ल हैं,
हाँ साहब मैं नादां हूँ,
मुझे शायद न पता था,
सांसो से ज्यादा यहाँ समझदारी की जरूरत होती हैं।-
उस रोज बैठे सोच रहा था कि
पहले चुबन हुई
फिर गलन हुई
फिर सड़न सी
सोचा कि क्या करुँ
फिर किसी रहनुमा से मुलाक़ात हुई
अब ठीक हूँ ।
फिर सोचा कि हाँ यार
कभी कभी चाँद भी तो
लाल- पीला होता हैं।-
असुविधा के लिये खेद है
उन्होंने कहा वो आये
प्रचार प्रचार प्रचार
हमनें कहां रुको
मत करो ये अत्याचार
यहाँ मच रहा हाहाकार
सुनो मेरी ये पुकार
देखा करो दैनिक समाचार
अच्छा अब नमस्कार नमस्कार!-
मेहनत करनें वालो को जानकर
उनके बहीखाते को समझकर
उनके चक्षुओं को सुनकर
उनके मेहनतकश रवैये को समझकर
अब मेहनत नहीं होती
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रोज तुम्हें पाता हूँ /
रोज तुम्हें खोता हूँ
पाता हूँ तो बोज़िल सा लगता हैं /
खोता हूँ तो खाली सा
समझ नहीं आता /
तुम खोने की चीज हो या पाने की।
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