Jitendra Jagdev   (जितेंद्र_जगदेव)
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मिट्टी का तन
मस्ती में मन
क्षण भर जीवन
मेरा परिचय
WhatsApp number 6261588208
Joined 10 November 2018


मिट्टी का तन
मस्ती में मन
क्षण भर जीवन
मेरा परिचय
WhatsApp number 6261588208
Joined 10 November 2018
24 AUG 2022 AT 5:02

When will this night go
When go this darkness ?
I'm waiting for a bright day ,
when the flowers will bloom

Some beautiful Angel took my eyes sleep
That's why I am sitting like gloom
Then someone told me jitendra accept my one preams
Go and get lost in the dreams 😂

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22 JUL 2022 AT 11:44

हो कौन यूं
मेरी आंखों में जागती रात भर तुम

मेरे मन में रही एक अधूरी आस भर तुम
दिल के कुछ अनकहे जस्बात भर तुम

जागती है जब सुबह घन अंधकार से
किसी से मिलन की वो एक चाहभर तुम

मेरे दिल की नदियों में उमड़ता एक प्यारा सा रागभर तुम
मन के कोरे कागज पर लिखे शब्दों का संसार हो तुम

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3 JUN 2022 AT 5:11

था पता किसको , कि ये कुछ ऐसा हादसा हो जायेगा
बचते, बचते फिरा उम्र भर जिससे वह मुझे हो जायेगा

राह में मिल भी गया कोई तो भी हमने दिल नही जोड़ा
इश्क की गलियों में हमने कितनी कलियो के दिल तोड़े

सोचा नही था कभी ,ऐसा हादसा मेरे साथ हो जायेगा
बचते, बचते फिरा उम्र भर जिससे वो मुझे हो जायेगा

छुपा रखा था सबसे राज - ए - dil mera
तो फिर कैसे
मेरा ये किस्सा सबकी जुबान पर आम हो गया
मन ही मन चाहते है हम किसी को ये सरेआम हो गया......

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3 JUN 2022 AT 4:24

आसान है क्या

यूँ सब जैसे रातों मे सोना आसान है क्या,
सारी दुनिया का दर्द दिल मे रखना, आसान है क्या

दिल रोता हैं, लब हँसते है , बताओ यूँ आँखो मे दर्द रखकर सोना आसान है क्या

रोज गुजरना पड़ता है गम के बाग़ानों से होकर एक शायर होना आसान है क्या,

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1 JUN 2022 AT 1:54

चेहरा उतर गया ये सेहत की बात है
हर बार कोई इश्क का बीमार नही होता

मिलते है हर रोज नये नये चेहरे
यूँ ही हर किसी से प्यार नही होता

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29 MAY 2022 AT 0:47

व्यथित मन और ये अकेलापन , कलम एक और जज्बात अनेक
लौट रहा हूं फिर एक नई तलाश में,कहानी प्रारंभ होगी अब नए अल्फाज में

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22 MAY 2022 AT 10:12

जो बिछड़ जाऊ तुझसे तो सोच रहा हूँ ,किधर जाऊ
इश्क करके तुझसे, मैं उम्र भर का दर्द क्यों पाउ

दिल कर रहा है मेरा तुझसे मिलकर तुझे गले लगाऊ
उम्र भर रहु तेरा, तुझे देखते ही मै दिल हारी जाऊँ

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22 MAY 2022 AT 2:19

दिल करता है कुछ कर जाऊ

इश्क की राहों से अब मै ,गुजर जाऊ

सो जाऊ तेरी इन जुल्फो के साये मे
इश्क करू तुझसे और हद से गुजर जाऊँ

तेरे ख्यालो मे खोया रहूँ हर पल
तेरे इश्क मे जी कर तुझपर मर जाऊ

दिल करता है कुछ कर जाऊ

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11 MAY 2022 AT 12:11

मेरे ख्याल की करवट से,
खुदको झकझोर कर रहे हो
मैं दरिया सा आवारा,
खुदको मेरा छोर कर रहे हो

मै दरिया हं अब समुंदर ही मेरा मुक्कदर है
मै कश्ती नही जो साहिल पर ठहर जाऊंगा

वर्षो तक जिंदा रहेंगे मेरे कहे अल्फाज
मेरा क्या है आज नही तो कल मर जाऊंगा

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9 DEC 2021 AT 17:01


जैसे कोई ख्वाब आंखो में आते आते रूठ जाता है
मैं दिल लगाऊं भी कैसे लगाने से पहले टूट जाता है

किसी का हाथ अपना समझ कर पकड़ भी लूं कैसे,
राह में कही बातों बातों में ही हाथो से हाथ छूट जाता है

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