जितेंद्र मिश्र   (दिल से♥️♥️)
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Joined 21 May 2021


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Joined 21 May 2021

विवाह दोहे

करते सभी विवाह को, बाँध प्रेम की डोर

इक दूजे का साथ हो, छूटे कभी न छोर ।।

बेटी होती लाडली, एक पिता की जान

देते वर के हाथ में, करते कन्यादान ।।

बोली बोलो प्रेम से, होना मुक्त दहेज


मात-पिता की प्राण है, रखते सभी सहेज ||

जीवन खुशियों से भरे, रहे पिया का साथ
बाधा आये सामने, थामे दोनों हाथ ।।

लाओ एक सुधार जी, आगे बढ़े समाज
। भेद-भाव को छोड़ दो, युग बदलेगा आज ||

*प्रिया मिश्रा *प्रियू*✍️✍️

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लुटाया है इस क़दर प्यार कुछ ऐसा तूने
की ये दिल अब गुलाम बन गया तेरा
एक साल हो गए प्यार को अपने
अब तो सदियों का हो गया ये तेरा

यार कैसे बया करू शब्दो में तेरा प्यार
अब तो खुद का खुद ही ना रहा ये तेरा यार
जो खुशियां दी है तूने मुझे इन दिनों में
बस दुआ है खुदा से हमेशा सलामत रहे मेरा यार

रातों को नींदों में रहती है हमेशा
सुबह के ख्वाबों में जगती है हमेशा
किस तरह से इस यार को चाहने लगी है तू
बस इस बात पर ही रुलाती है हमेशा


(लल्ला )✍️✍️

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आज की इस खुशनुमा शाम में कुछ बातें करना चाहते है
रात है अंधेरी सनम कुछ खास करना चाहते है
चाहते है कि बाहों में ले के तुझे अजब सी मुलाकात कर लू
इश्क़ की दरिया है सनम साथ साथ डूबना चाहते है
तेरी हुस्न की हर एक खुस्बू सी महसूस करना चाहते है
लेके तुझे खुद में और खुद को भुलाना चाहते है
चाहते तो है कि हम एक दूसरे के हो जाए बिना कुछ कहे
बस इस मुलाकात को कुछ यादगार करना चाहते हैं

(लल्ला)✍️✍️

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तेरी एक मुस्कुराहट से दिल को सुकून मिला जाता था
तेरी एक झलक पाने से माहौल ये दिल खुश हो जाता था
एक तेरे प्यार की तलब ऐसी लग गई मुझे
बिना देखे तुझे दिन में दिल बच्चों की तरह रोता था

कमबख्त आज भी शिकायत है मुझे नवोदय के संडे से जब पूरा दिन देखता नहीं था
पर मोहब्बत भी उसी सन्डे से है जब चाय के टाइम बिस्किट और लाई लेता साथ था
तू थोड़ा हस के चली जाती थी पास से,
और मै बार बार घूम के तुझे ही देखता था


(लल्ला) ✍️✍️

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क्या सुनाएं हाल ये दिल मोहब्बत के
हम इश्क की बाज़ी में दिल हार बैठे है
वो बैठी घर में अपने याद कर रही है मुझको
और हम यहां खुद की हिचकियों से परेशान है 😘😘😘🥰🥰🥰

(लल्ला) ✍️✍️

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तेरे याद करने से दिल में हलचल सी हो जाती है
तेरे मुस्कुरा देने से दिल में हसरत सी हो जाती है
बात करके लगता है जिन्दगी तेरे पास गिरवी है मेरी
ये सनम अब तो सच्ची मोहब्बत की पहचान भी
तुझसे ही हो जाती है

ढूंढता था सच्ची मोहब्बत को गलियों में रों रों के
कि काश मुझे भी हमसफ़र सच्चा मिले
मै जब भी इजहार करूं अपनी आशिक़ी का उससे
दिल में उसके भी सिर्फ मेरे नाम का ही फूल खिले

(लल्ला)✍️✍️

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इश्क - ए - हाल
❤️❤️
इश्क़ किसी से कितना भी कर को खोना तो पड़ेगा
हाल - ए दिल आंखो से दिखे या दिल में
आंसुओ से मोहब्बत करना तो पड़ेगा
गर ना समझ पाए वो मोहब्बत को तेरे
यारो
बेशक I love uhh कहना तो पड़ेगा

(लल्ला)✍️✍️

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जब से जिंदगी में वो मिली है मुझको
थोड़ा बदलने सा लगा हूं
पहले तो बस बातें करता था इश्क़ की
अब तो मोहब्बत भी करने लगा हूं
सोच पाता नहीं मै कुछ भी खुद के लिए
अब तो दिलो- दिमाग में भी बसाने उसे ही लगा हूं

रास्ते बहुत है ना मिलने के उससे
और मिलने का तो कोई जरिया भी नहीं
कहती है क्यों करते हो इतना प्यार हमसे
जब आगे एक दूसरे को मिलना ही नही

(लल्ला)✍️✍️

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आज की इस खुशनुमा शाम में कुछ बातें करना चाहते है
रात है अंधेरी सनम कुछ खास करना चाहते है
चाहते है कि बाहों में ले के तुझे अजब सी मुलाकात कर लू
इश्क़ की दरिया है सनम साथ साथ डूबना चाहते है
तेरी हुस्न की हर एक खुस्बू सी महसूस करना चाहते है
लेके तुझे खुद में और खुद को भूलना चाहते है
चाहते तो है कि हम एक दूसरे के हो जाए बिना कुछ कहे
बस इस एक मुलाक़ात को हम यादगार बनाना चाहते है

(लल्ला) ✍️✍️

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करता हूं मोहब्बत तुमसे,शिकारी मत समझना
खेलता रहता हूं तेरे यादों से जुआरी मत समझना
ये सनम अंदाजा नहीं है मेरी चाहत का तुझे
मांगता प्यार हूं प्यार तेरा तो भिखारी मत समझना
समझना ना ये की छोड़ दूंगा इश्क़ करके
बच्चा मै भी हूं प्यार की राह में खिलाड़ी ना समझना



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