मैं हारूंगा नहीं ये जानता हूँ मगर हार जाऊँ अगर दर्द से तो मेरा एक काम करेगा ना मैं कमजोर नहीं था ये सब से कहेगा ना सब मुझ पर इलज़ाम लगयेगे तू मेरा तलब्दार बनेगा ना लोग मुझको कायर कहेगे तू मेरे लड़ाई का गवाह बनेगा ना मैं हारूंगा नहीं ये जानता हूँ मगर हार जाऊँ अगर दर्द से तो मेरा एक काम करेगा ना
जब पापा बने तो पापा होने का मतलब समझ आया हर ज़िद को पूरा करने का हुनर समझ आया कैसे पूरी हो जाती थी ख्वाईश रातों रात और भूखे पेट सो कर भी भूख मिटने का तर्क समझ आया! खुद का दर्द छुपा कर मरहम लगाना उसके दर्द पर कैसे टूट कर दिया जाता हैं हौसला अपने औलाद को और खुद अंदर ही अंदर टूटने का हुनर समझ आया..!!