Mr. Jitender😎   (Bebaak kalam✍️)
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Joined 10 February 2018


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27 OCT 2023 AT 17:19

किसी से,
कर्मो का भुगतान तो खुद को ही करना पड़ता है....
हमने भी शायद कोई दिल दुखाया होगा,
शायद उसी लिए अब घुट घुट के मरना पड़ता है...

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27 OCT 2023 AT 17:14

शौक खत्म हो रहे है मोहब्बत के,
अब वो तो दूर जाने के बहाने खोजते है....

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15 AUG 2022 AT 21:59

खोकर तुझमें मै अब तुझमें ही कही रहने लगा हूं,,
सुध बुध ना रही जरा सी भी अब, बस राधे राधे कहने लगा हूं...

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14 AUG 2022 AT 9:02

विरह सही अब तेरे लिए कान्हा,
तुम्हारी खुशी के लिए इतना करना तो बनता था,,
तुमको निभाने थे सारे नाते मुझे छोड़कर,
अब इस कर्म में तुम्हारा साथ देना तो बनता था..

कैसे कहूं कि तुम बेवफा हो सबसे,
तुम्हारा मुझे एक पल याद करना तो बनता था,,
छोड़ गए मुझे मुख मोड़ अब तुम,
ये तेरा सबसे दिल लगाना तो बनता था...

जानती हूं तुम एक मेरे नही सबके थे पर,
मुझे एकपल के लिए थोड़ा याद करना तो बनता था,,
जानती हूं तुम नही लौटोगे फिर उस यमुना तीर,
पर फिर भी ये मेरा इंतजार करना तो बनता था...

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14 AUG 2022 AT 8:53

मौजूदगी तेरी महसूस हुई है मुझे हर दफा,
तुम आखिर दूर ही कब रहे थे आखिर...

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11 MAY 2022 AT 22:06

मायूस हुए है अब खुद ब खुद,
खुद में ही,,
अब मुस्कुराने में वो पहले वाला
मज़ा ना रहा...

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3 MAY 2022 AT 19:57

सोचना तुम्हे छोड़ा नही अब तलक, कि सोच कभी खत्म ना होगी,,
जिम्मेदारियां आड़े आ रही है आजकल, पर मोहब्बत अब भी पुरानी होगी...

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14 MAR 2022 AT 8:33

नज़र भर दीदार में कहाँ सुकून नसीब हुआ है,
अब तो फुर्सत भरा दीदार करने की ख्वाहिश है माँ...

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27 JAN 2022 AT 22:38

गर हम यू ही परखना जारी रखते,
तो मुट्ठी में एक भी रिश्ते नही बचते...— % &

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27 JAN 2022 AT 22:17

यादो के पैमानों को फिर से नया करता हूँ,
लो आज फिर किताबी मोहब्बत लिखा करता हूँ,,
बाते है कुछ बन्द इस ज़हन में कब से,
दफन ना हो जाए कही ये इसलिए ही मैं लिखा करता हूँ..— % &

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